कुल पेज दृश्य

21 अक्टूबर 2010

काली मिर्च बाजार को मिलेगी नई ताकत

कोच्चि October 20, 2010
सफेद मिर्च (काली मिर्च की एक विशेष किस्म, जिसकी कटाई फसल पकने से पहले ही हो जाती है) के भाव में हालिया तेजी से काली मिर्च बाजार को नई ताकत मिल सकती है क्योंकि सफेद और काली मिर्च के भाव का अंतर अब बढ़ता हुआ 1,500 डॉलर प्रति टन हो गया है।सफेद मिर्च का औसत भाव फिलहाल 6,000 डॉलर प्रति टन है, जबकि काली मिर्च का अधिकतम भाव 4,500 डॉलर प्रति टन। यद्यपि इन दिनों इंडोनेशिया में 4,000-4,100 डॉलर प्रति टन भाव के दायरे में काली मिर्च उपलब्ध है, लेकिन वहां सफेद मिर्च की पेशकश 6,300-6,350 डॉलर प्रति टन के दायरे में की जा रही है। चीन जैसे देशों में तो सफेद मिर्च के भाव 6,400 डॉलर प्रति टन के स्तर पर जा पहुंचे हैं।यदि सफेद मिर्च के भाव में और तेजी आती है, तो ऐसे हालात में काली मिर्च की मांग बढ़ जाएगी, जिसकी वजह से इस कमोडिटी के बाजार में धीरे-धीरे उछाल आएगी। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि ऐसा निकट भविष्य में नहीं बल्कि लंबी अवधि में होने की गुंजाइश है क्योंकि काली मिर्च के बाजार पर फिलहाल इंडोनशिया और ब्राजील की तगड़ी पकड़ बनी हुई है।गौरतलब है कि इंडोनेशिया फिलहाल एएसटीए ग्रेड वाली काली मिर्च की पेशकश 4,100 डॉलर प्रति टन कर रहा है, न केवल इस साल के लिए बल्कि अगले साल की शुरुआत के लिए भी। उधर वियतनाम में 500 ग्राम/लीटर ग्रेड वाली काली मिर्च 4,050 डॉलर प्रति टन उपलब्ध है, हालांकि वहां एएसटीए किस्म वाली काली मिर्च का भाव 4,600 डॉलर प्रति टन है। ब्राजील में फिलहाल काली मिर्च की खेती जोरों पर है और वहां यह 4,000-4,050 डॉलर प्रति टन बिक रही है। जाहिर है, काली मिर्च के वैश्विक बाजार पर फिलहाल इन दो देशों का नियंत्रण है क्योंकि उनके पास इस कमोडिटी का पर्याप्त भंडार हैं और उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष इसके भाव का दायरा बहुत ऊपर नहीं जाएगा।भारत में काली मिर्च का भाव फिलहाल 4,375 डॉलर प्रति टन के स्तर पर है क्योंकि विदेशी बाजारों से इसके लिए कम पूछताछ हो रही है। इस कमोडिटी के भारतीय बाजार को जाड़े के मौसम में मांग बढऩे की उम्मीद है। इस बाजार में सामान्य तौर पर दीवाली के बाद तेजी आती है। इसलिए घरेलू स्तर पर काली मिर्च की मांग धीरे-धीरे बढ़ सकती है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार के हालात में फिलहाल ज्यादा बदलाव आने की गुंजाइश कम ही है क्योंकि ब्राजील और इंडोनेशिया ऐसा होने नहीं देंगे।उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया में 20,000-22,000 टन काली मिर्च का भंडार है और इस सीजन के दौरान ब्राजील में इसका भंडार 30,000 टन के स्तर पर जा पहुंचेगा। उनके गोदामों में काफी मात्रा में पिछले सीजन की भी काली मिर्च पड़ी है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में बाजार पर इनकी पकड़ मजबूत होगी। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: