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21 अक्टूबर 2010

रत्न एवं आभूषण निर्यात चमका

मुंबई October 20, 2010
इस साल सितंबर महीने में भारत के रत्न एवं आभूषण निर्यात में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। अमेरिकी बाजार में हीरों के सस्ते आभूषणों की मांग बढऩे की वजह से निर्यात में तेजी आई है। भारत के हीरों के आभूषण की 40 प्रतिशत खपत सिर्फ अमेरिका में होती है। जेम्स ऐंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2010 में कुल निर्यात 56 प्रतिशत बढ़कर 4061.87 मिलियन डॉलर हो गया है, जो पिछले साल के समान महीने में 2602.26 डॉलर था। रुपये के हिसाब से हालांकि कुल निर्यात 48.42 प्रतिशत बढ़कर 18708.96 करोड़ रुपये हो गया है, जो सितंबर 2009 में कुल 12605.36 करोड़ रुपये था। रत्न एवं आभूषण के कुल निर्यात में भी तेज बढ़ोतरी हुई है और सितंबर महीने में बढ़कर 2849.88 मिलियन डॉलर (13126.54 करोड़ रुपये) हो गया है। पिछले साल की समान अवधि में हुए 1756.53 मिलियन डॉलर (8508.63 करोड़ रुपये) की तुलना में इसमें रुपये के हिसाब से कुल 54.27 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में रत्न एवं आभूषणों का कुल निर्यात 18893.38 मिलियन डॉलर (87042.84 करोड़ रुपये) का हुआ है। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इसमें कुल 45.84 प्रतिशत (रुपये के हिसाब से 38.42 प्रतिशत) की तेजी आई है। सितंबर 2009 में कुल 12954.78 मिलियन डॉलर (62883.74 करोड़ रुपये) का निर्यात हुआ था।वित्त वर्ष की पहली छमाही में कच्चे हीरों का कुल आयात 5711.94 मिलियन डॉलर (26396.16 करोड़ रुपये) का रहा। इसमें पिछले साल की समान अवधि मेंं हुए 3939.44 मिलियन डॉलर (19111.83 करोड़ रुपये) की तुलना में 44.99 प्रतिशत (रुपये के हिसाब से 38.11 प्रतिशत) की बढ़ोतरी हुई है। विनिर्मित आभूषणों के निर्यात मेंं अप्रैल-सितंबर 2010 अवधि के दौरान डॉलर के हिसाब से पिछले साल की तुलना में कुल 30.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं रुपये के हिसाब से पिछले साल की तुलना में निर्यात में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।तराशे और पॉलिश किए गए हीरों का कुल निर्यात इस साल सितंबर महीने में 2398.57 मिलियन डॉलर (11047.82 करोड़ रुपये) का रहा। इसमें पिछले साल के हिसाब से डॉलर के हिसाब से 36.41 प्रतिशत और रुपये के हिसाब से 29.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सितंबर 2009 में कुल 1758.37 मिलियन डॉलर (8517.56 करोड़ रुपये) का निर्यात हुआ था। (BS Hindi)

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