22 अक्तूबर 2010
चीनी निर्यात के लिए 23 रिलीज आर्डर
बेहतर हालातनिर्यात आर्डर 5.9 लाख टन के लिए248 लाख टन उत्पादन का अनुमाननिर्यात ओजीएल में करने का दबाव चालू पेराई सीजन (2010-11) में 248 लाख टन चीनी के उत्पादन अनुमान और पिछले साल के 48 लाख टन चीनी के बकाया स्टाक के चलते सहज महसूस कर रही केंद्र सरकार चीनी निर्यात के मोर्चे पर कदम बढ़ाने लगी है। इसके तहत करीब छह साल पहले आयात की गई चीनी, पिछले साल आयात की गई रिफाइंड चीनी और गैर रिफाइंड चीनी (रॉ शुगर) के निर्यात के लिए 23 रिलीज आर्डर जारी किये जा चुके हैं। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि यह आर्डर 5.9 लाख टन चीनी के लिए जारी किये गये हैं। हालांकि इसमें से अभी तक कितनी मात्रा निर्यात हुई है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। अधिकारी के मुताबिक बेहतर उत्पादन की संभावना के चलते सरकार पर चीनी निर्यात को ओपन जनरल लाइसेंस (ओजीएल) में रखने का दबाव बन रहा है। इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतें भारत के अनुकूल हैं। इसलिए निर्यात की बेहतर संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 750 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गई है। जहां तक घरेलू बाजार की बात है तो यहां कीमतें 2600 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास चल रही हैं जो पिछले साल से करीब 1200 रुपये प्रति क्विंटल कम हैं। इसलिए अगर सरकार समय रहते निर्यात खोलने का फैसला ले लेती है तो चालू सीजन में भी गन्ना किसानों को बेहतर कीमत मिल सकती है। चीनी निर्यात के लिए जो रिलीज आर्डर जारी किये गये हैं उनमें सात आयातित रिफाइंड चीनी के लिए हैं। निर्यात की जाने वाली आयातित रिफाइंड चीनी की मात्रा 1.7 लाख टन है। इसमें 95,000 टन चीनी रेणुका शुगर की और 20,000 टन ईआडी पैरी की है। इसके निर्यात के साथ शर्त यह है कि अगर सरकार निर्देश देती है तो इस निर्यात के बदले में इन कंपनियों को 2010-11 के दौरान रॉ शुगर का आयात करना पड़ेगा। पिछले सीजन में आयात की गई और बंदरगाहों पर पड़ी रॉ शुगर के लिए पांच रिलीज आर्डर जारी किये गये हैं। इस रॉ शुगर की मात्रा करीब ढाई लाख टन है। इसमें सबसे अधिक 2.10 लाख टन चीनी बजाज हिंदुस्तान लिमिटेड की है। बलरामपुर चीनी की 20,000 टन, धामपुर शुगर की 5,500 टन, उत्तम शुगर की 7,000 टन और डालमिया शुगर की 1500 टन चीनी है। एडवांस लाइसेंस के तहत करीब छह साल पहले आयात की गई चीनी के निर्यात के लिए 11 रिलीज आर्डर जारी किये गये हैं। एडवांस लाइसेंस के तहत आयात की गई चीनी की मात्रा करीब आठ लाख टन है। इसके निर्यात के लिए सरकार ने मार्च, 2011 की समयसीमा रखी है। इसके पहले इसके निर्यात के लिए कई बार समयावधि बढ़ाई जा चुकी है। चालू सीजन के बेहतर उत्पादन की संभावना को देखते हुए सरकार इस लंबित पड़े मामले को भी निपटाना चाहती है। (Business Bhaskar)
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