08 अक्टूबर 2010
रबी सत्र के लिए 2.74 करोड़ टन उर्वरक जरूरी: सरकारी अनुमान
नई दिल्ली: चालू रबी सत्र में पिछले वर्ष के मुकाबले उवर्रक की मांग करीब 15 लाख टन बढ़कर 2.74 करोड़ टन रहने का अनुमान है। उवर्रक मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार रबी सत्र के दौरान बुवाई के रकबे में वृद्धि के अनुमान के कारण इस वर्ष उवर्रक की आवश्यकता बढ़ेगी। एक ओर जहां यूरिया की आवश्यकता 1.54 करोड़ टन आंकी गई है वहीं डीएपी, एमओपी और एनपीके की आवश्यकता क्रमश: 52 लाख, 25 लाख और 43 लाख टन आंकी गई है। पिछले रबी सत्र में भारत ने 1.44 करोड़ टन यूरिया के अलावा 50 लाख टन डीएपी, 25 लाख टन एमओपी और 40 लाख टन एनपीके का इस्तेमाल किया था। उवर्रकों की कुल जरूरतों में से मांग को आंशिक रूप से पूरा करने के लिए एक करोड़ 8.5 लाख टन यूरिया, 18.8 लाख टन डीएपी और 47.4 लाख टन एनपीके को स्वदेशी स्तर पर पूरा किया जा सकता है। सत्र के दौरान एक करोड़ एक लाख टन उवर्रकों के आयात की आवश्यकता होगी जिसमें 40 लाख टन यूरिया, 28- लाख टन डीएपी, 25 लाख टन एमओपी और 8.3 लाख टन एनपीके शामिल होगा। देश में यूरिया का 8 लाख टन, 5- लाख टन डीएपी), 2.5 लाख टन एमओपी और 4.3 लाख टन एनपीके का स्टॉक था। इस बीच चालू वर्ष के अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान भारत ने 25.8 लाख टन यूरिया, 57.8 लाख टन डीएपी, 26.5 लाख टन एमओपी और छह लाख टन एनपीके का आयात किया था। पिछले वर्ष की समान अवधि में भारत ने 25.3 लाख टन यूरिया, 38.9 लाख टन डीएपी और 17- लाख टन एमओपी का आयात किया था। (ET Hindi)
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