हैदराबाद/विजयवाड October 08, 2010
आंध्र प्रदेश के निजामाबाद बाजार में हल्दी के स्टॉक में कमी दर्ज की जा रही है। राज्य के गुंटूर जिले में डुग्गीराला बाजार में हल्दी की आवक में तेजी देखी गई थी, लेकिन जल्द ही यह रफ्तार मंद पड़ गई। आवक में कमी की मुख्य वजह निजामाबाद में इस बार समय पर इस सीजन की शुरुआत होना है। पिछले साल बारिश की वजह से गुंटूर में हल्दी के सत्र में विलंब हुआ था। हालांकि इन दोनों ही बाजारों में हल्दी का कारोबार लगभग 13,000 रुपये प्रति क्विंटल पर हो रहा है। इस बार आकर्षक कीमतों की वजह से हल्दी किसान उत्साहित नजर आ रहे हैं, लेकिन वे अगले सत्र के लिए भी इस सत्र की सफलता को दोहराना चाहते हैं। अब तक प्राप्त खबरों के अनुसार अगले सत्र की बुआई में 10-15 फीसदी का इजाफा हो सकता है और हल्दी की कीमत गिर कर लगभग 10,000 रुपये पर जा सकती है। डुग्गीराला बाजार में पिछले साल के सत्र में 63,000 क्विंटल हल्दी की तुलना में इस बार 59,740 क्विंटल की आवक दर्ज की गई है। प्रमुख आवक अप्रैल में 17,894 क्विंटल, मई में 14,541 क्विंटल, जून में 14,882 क्विंटल, जुलाई में 6,670 क्विंटल और अगस्त में 5,689 क्विंटल रही। कारोबारियों को अक्टूबर तक कुछ और आवक की उम्मीद है। दूसरी तरफ अनुकूल हालात की वजह से इस सत्र के जल्द शुरू हो जाने से निजामाबाद में हल्दी की आवक अब लगभग समाप्त हो गई है। इस सत्र में कीमतों के नई ऊंचाई पर पहुंचने की वजह से किसान कीमत में और तेजी की उम्मीद में स्टॉक को बरकरार रखे हुए हैं। हालांकि यह सत्र अब समाप्त होने वाला है और कीमतों सामान्य होकर लगभग 13,000 रुपये प्रति क्विंटल पर हैं। किसानों ने 100,000 क्विंटल हल्दी को अगले सत्र की फसल के लिए बीज के रूप में अपने पास रखा है जिसके लिए बुआई जुलाई के आसपास शुरू होती है। निजामाबाद मार्केट कमेटी के सचिव बंसीलाल के अनुसार अगली फसल के लिए रकबे में 10-15 फीसदी तक की वृद्घि होने की संभावना है। सामान्य तौर पर निजामाबाद में 10,000 हेक्टेयर क्षेत्र पर हल्दी की खेती की जाती है और यह बढ़ कर 11,500 हेक्टेयर हो जाने की संभावना है। पूरे राज्य में हल्दी की खेती का दायरा लगभग 67,500 हेक्टेयर है। इसमें तेलंगाना (निजामाबाद भी शामिल है) का योगदान 50,000 हेक्टेयर से अधिक का और बाकी 16,000 हेक्टेयर आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों का है। तेलंगाना में उत्पादन लगभग 600,000 क्विंटल और आंध्र-रायलसीमा में यह उत्पादन 150,000 क्विंटल है। कुल मिला कर हल्दी का उत्पादन 750,000 हेक्टेयर का है। 2011 के सत्र के लिए यह उत्पादन बढ़ कर 850,000 क्विंटल हो जाने का अनुमान है। उत्पादन 40 फीसदी बढऩे का अनुमानआंध्र प्रदेश में 2010-11 में हल्दी के उत्पादन में 40 फीसदी का इजाफा होने का अनुमान है। मॉनसून की अच्छी बारिश और किसानों द्वारा हल्दी की खेती का रकबा बढ़ाए जाने की वजह से उत्पादन बढऩे की संभावना है। राज्य के बागवानी विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2010-11 में आंध्र प्रदेश में हल्दी उत्पादन पूर्ववर्ती वर्ष के 263,000 टन की तुलना में 40 फीसदी तक बढ़ कर 368,000 टन रहने का अनुमान है। हल्दी की खेती का कुल रकबा इस बार 66,798 हेक्टेयर है जो एक साल पहले के रकबे की तुलना में 40 फीसदी अधिक है। बागवानी विभाग के संयुक्त निदेशक आर बैकुंठ राव ने कहा, 'अच्छी कीमतों की वजह से इस साल कई नए किसान भी हल्दी की खेती के प्रति आकर्षित हुए हैं।Ó भारत दुनिया में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक निर्यातक और उपभोक्ता है। (BS Hindi)
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