24 नवंबर 2008
शुल्क लगने के अंदेशे से अक्टूबर में पाम तेल का जमकर आयात
पाम तेल पर आयात शुल्क लगने की संभावना को देखते हुए कंपनियों ने अक्टूबर में जमकर पाम तेल का आयात किया। इस महीने में पाम तेल का आयात पिछले महीनों के औसत आयात की तुलना में करीब 44 फीसदी बढ़ गया है।साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार इस साल अक्टूबर महीने में पाम तेल का कुल आयात 6.45 लाख टन हुआ है। जिसमें 4.52 लाख टन कच्च पाम तेल और 1.93 लाख टन रिफाइंड पाम तेल का आयात हुआ है जबकि इस साल औसतन हर माह 4.50 लाख टन पाम तेल का आयात हुआ है। इसी साल सितंबर में करीब 4.69 लाख टन पाम तेल का आयात हुआ था। पाम तेल के आयात में आए इस उछाल के पीछे खाद्य तेलों पर लगने वाले आयात शुल्क की संभावना को माना जा रहा है। किंतु केंद्र सरकार द्वारा पाम तेल पर आयात शुल्क न लगाने से कंपनियों को आयातित पाम तेल पर नुकसान उठाना पडेगा। ेलेकिन सरकार ने पाम तेल के आयात पर कोई शुल्क नहीं लगाया। केवल कच्चे सोया तेल पर 20 फीसदी का आयात शुल्क लगाया है। आयात शुल्क न लगने के बाद कंपनियों को इस पर काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अक्टूबर के दौरान आयातित पाम तेल का औसत दाम 550 डॉलर प्रति टन था जबकि इस समय पॉम तेल के दाम 475 डॉलर प्रति टन के स्तर पर है। इस महीने में ज्यादा पाम तेल आयात करने वाली प्रमुख कंपनियां रुचि सोया, कारगिल, अदानी विलमर, झुनझुनवाला वनस्पति, लिबर्टी, गोकुल कांचन ऑयल और कानपुर एडीबिल ऑयल है। इन्होनें पहले की तुलना में काफी ज्यादा मात्रा में पाम तेल का आयात किया।सरकार द्वारा टैक्स न लगाने के कारण कंपनियां बंदरगाहों से तेल उठाने में ज्यादा जल्दबाजी नहीं दिखा रही हैं। कई कंपनियों ने आयातित पाम तेल बंदरगाहों से नहीं उठाया है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस दौरान पाम तेल के भाव घटने से उन्हें नुकसान जरूर हो रहा है। (Business Bhaskar)
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