मेरठ/मुजफ्फरनगर November 17, 2008
उत्तर प्रदेश में गन्ने की कीमत को लेकर चल रहे विवाद के कारण चीनी मिलों द्वारा गन्ने की खरीद और पेराई में देरी की जा रही है।
इससे किसानों को मजबूरी में अपनी फसल गुड़ उत्पादकों को सस्ती कीमत पर बेचनी पड़ रही है। किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि गन्ने की बिक्री नहीं होने से अब तक वे गेहूं की बुआई शुरू नहीं कर पा रहे हैं।अक्टूबर में गुड़ उत्पादक किसानों से 120-125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीद रहे थे, लेकिन चीनी मिलों की ओर से मांग नहीं आने की वजह से अब गन्ने की कीमत घटकर 90-100 रुपये प्रति क्विंटल रह गई है।मुजफ्फरनगर में त्रिवेणी की खतौली चीनी मिल के समीप स्थित एक गुड़ उत्पादक ने बताया कि हम गन्ना किसानों को नकद भुगतान कर रहे हैं। पिछले दो पेराई सत्रों के दौरान मिलों की ओर से गन्ने की कीमत के भुगतान में देरी से मेरठ और मुजफ्फरनगर इलाके के ज्यादातर गन्ना किसान बुआई क्षेत्र घटाने की योजना बना रहे हैं। मेरठ जिले के वालिदपुर गांव के किसान किशन चौधरी का कहना है कि हमें गेहूं और धान की फसल लगाने पर विवश होना पड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि राज्य में पहले ही गन्ना उपज क्षेत्र में 20 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। राज्य की तीन मिलों में ही अब तक गन्ने की पेराई शुरू हो पाई है। चीनी मिलों की ओर से गन्ने की खरीद शुरू नहीं होने से किसान परेशानगेहूं की बुआई पर भी पड़ रहा है असरकम कीमत पर फसल बेच रहे गुड़ उत्पादकों को (BS Hindi)
17 नवंबर 2008
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