मुंबई November 18, 2008
चाय की कीमतों में पिछले नौ महीने के दौरान तेजी से हुई बढ़ोतरी के कारण खुदरा चाय और कम कीमत वाली ब्रांडेड चाय के मूल्य में फर्क बहुत कम रह गया है।
दोनों चायों की कीमतों में सिर्फ 5 प्रतिशत का अंतर शेष बचा है, इस कारण उपभोक्ता अब ब्रांडेड लेबल को तरजीह दे रहे हैं। ब्लूमबर्ग के अनुसार, भारत में चाय के थोक मूल्य सूचकांक में 74 आधार अंको की बढ़त हुई। इस वर्ष यह जनवरी के 128.30 अंको से बढ़ कर अक्टूबर के अंत में 222.50 अंकों पर पहुंच कया। इस कारण ब्रांडेड चाय कंपनियों के अतिरिक्त थोक और खुदरा कारोबार करने वाली चाय कंपनियों ने कीमतों में बढ़ोतरी की है। मुंबई में चाय का थोक कारोबार करने वाली 105 साल पुरानी कंपनी कुशल एंटरप्राइजेज के साझेदार मिहिर भंसाली कहते हैं, 'पिछले 10 महीने में खुदरा चाय की कीमतों में 20 से 25 प्रतिशत की वृध्दि हुई है।' खुदरा चाय के कम होते बाजार को देखते हुए कुशल एंटरप्राइजेज जैसे थोक चाय आपूर्तिकर्ता ने चाय का प्राइवेट ब्रांड लांच किया है। चाय के थोक मूल्य सूचकांक में हुई बढ़ोतरी के अलावा, आधुनिक कारोबार और रीटेल के बढ़ते प्रचलन ने भी ब्रांडेड चाय की खपत बढ़ाने में मदद की है। मुंबई में खुदरा एवं ब्रांडेड चाय का कारोबार करने वाली कंपनी भंसाली टी ऐंड मार्केटिंग कंपनी के साझेदार राजीव भंसाली कहते हैं, 'खुदरा चाय बाजार में नकारात्मक विकास हो रहा है क्योंकि रिटेल व्यवसाय के आधुनिक दौर में ब्रांडेड चाय की खपत में अब बढ़ोतरी हो रही है।' टाटा टी के अग्नि ब्रांड में दहाई अंकों में विकास हुआ है जबकि चाय बाजार की चक्रवृध्दि वार्षिक विकास दर (सीएजीआर) भारत में 3 से 5 प्रतिशत की रही है। पिछले साल की तिमाहियों की तुलना में जनवरी से मार्च 2008 के बीच टाटा टी के अग्नि ब्रांड के कारोबार में 31.1 प्रतिशत, अप्रैल से जून 2008 में 26.6 प्रतिशत और जुलाई से सितंबर 2008 में 23.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। कारोबार में यह बढ़ोतरी ब्रांड की कीमतों में इस साल 33 प्रतिशत की वृध्दि के बावजूद देखने को मिली है।खुदरा चाय की कीमतें 160 रुपये से 210 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच हैं जबकि टाटा टी और हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनियों की लोवर-एंड ब्रांड और अन्य स्थानीय ब्रांडों की कीमतें 180 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक हैं। (BS Hindi)
19 नवंबर 2008
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