कोच्चि November 18, 2008
पंद्रह महीने के बाद प्राकृतिक रबर की कीमतें 80 रुपये प्रति किलो से कम के स्तर पर आ गईं।
बेंचमार्क ग्रेड आरएसएस-4 की कीमतें 80 रुपये प्रति किलो रही लेकिन टायर क्षेत्र की मांग कमजोर होने की वजह से इसकी घट कर 77 रुपये प्रति किलो हो गईं। कोट्टायम के जाने-माने स्टॉकिस्ट ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि उद्योगों को यह बात भली-भांति पता है कि घरेलू बाजार में रबर का भंडार पर्याप्त है और उत्पादन का मुख्य समय चल रहा है। वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां बड़े पैमाने पर निर्यात किए जाने के मामले में बाधक हैं, यद्यपि वैश्विक कीमतें भारतीय कीमतों की तुलना में 10 रुपये प्रति किलो अधिक हैं। यही कारण है कि विभिन्न राज्यों में रबर का जाना फिलहाल सीमित है और ये मानदंड कीमतों में मामूली बढ़ोतरी की संभावना को कम कर देते हैं। उद्योग की तरफ से भी कोई जल्दबाजी नहीं दिख रही है, खास तौर से टायर निर्माता जो भारी मात्रा में रबर की खरीदारी करते हैं अभी शांत हैं। खबर यह भी है कि पिछले तीन-चार महीनों में ऑटोमोबाइल निमार्ताओं द्वारा टायर की खरीद में काफी कमी आई है और यही कारण है कि रबर की खरीदारी में मंदी देखने को मिल रही है।वर्तमान में रबर का मुख्य उत्पादन सीजन चालू है और यह जनवरी के अंत तक चलेगा। रबर बोर्ड के अस्थाई आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर के अंत तक रबर का भंडार 1,44,450 टन का था जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 40,192 टन अधिक है।इसलिए, किसी भी परिस्थिति में घरेलू बाजार को अगले 12 से 15 महीनों मक आपूर्ति की कमी नहीं झेलनी होगी। वैश्विक वित्तीय उठापटक के कारण विदेशी कारोबार के जरिए माल खपाना कठिन है। वर्तमान में प्राकृतिक रबर की वैश्विक कीमतें भारतीय कीमतों की तुलना में 10 रुपये प्रति किलो अधिक है लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह कीमतों में कमी का अस्थाई चरण है और समय के साथ-साथ घरेलू और वैश्विक कीमतें बराबरी पर पहुंच जाएंगी।पिछले साल जून में आरएसएस-4 ग्रेड की कीमतें 78 रुपये प्रति किलो
में उतार-चढ़ावमहीना औसत मूल्य07 नवंबर 99 रुपये08 जनवरी 95 रुपये08 अप्रैल 100 रुपये08 मई 115 रुपये08 जून 120 रुपये08 जुलाई 130 रुपये08 अगस्त 135 रुपये08 सितंबर 138 रुपये08 अक्टूबर 95 रुपये18 नवंबर 77 रुपये (BS Hindi)
19 नवंबर 2008
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