मुंबई November 09, 2008
जिंस बाजार के नियामक वायदा बाजार आयोग ओपन पोजिशन लिमिट के उदारीकरण की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद कारोबारी स्थानीय एक्सचेंज में और संजीदगी से वायदा कारोबार कर पाएंगे।
बताया जा रहा है कि एफएमसी नवंबर के अंत तक यह प्रक्रिया पूरी कर लेगा और इसके तत्काल बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। एफएमसी के इस कदम को घरेलू एक्सचेंज में कृषि जिंस कारोबार में बढ़ोतरी का बड़ा हथियार माना जा रहा है। अक्टूबर में एमसीएक्स, एनसीडीईएक्स और एनएमसीई का कारोबार 34.31 फीसदी गिरकर 34461.19 करोड़ पर पहुंच गया जबकि एक साल पहले इस अवधि में कारोबार का आंकड़ा 52463.12 करोड़ रुपये का था।नए नियम में कारोबार के महीने वाले अनुबंध के कायदे-कानून में फेरबदल होंगे। इसमें एक्सचेंज के सदस्य और उनके क्लाइंट दोनों के ओपन पोजिशन की लिमिट में फेरबदल होगा। मौजूदा कानून के तहत एनसीडीईएक्स में 28.5 एमएम कपास वायदा में सदस्य व क्लाइंट के लिए ओपन पोजिशन क्रमश: 60 हजार बेल्स व 20 हजार बेल्स तय हैं। लेकिन उसी महीने के अनुबंध की बात की जाए तो यह क्रमश: 12 हजार व 4 हजार बेल्स तक सीमित है। मौजूदा कानून के तहत किसी को भी इस सीमा को लांघने की अनुमति नहीं है। प्रस्तावित संशोधन के मुताबिक, इसमें नजदीक के महीने वाले अनुबंध यानी उसी माह के अनुबंध में फेरबदल हो सकता है। इसके तहत उसी महीने के अनुबंध में शुरुआती 20 दिन तक कारोबारियों को अपनी पूरी लिमिट का इस्तेमाल करने का मौका रहेगा और इसके बाद अगर सेटलमेंट तिथि से 10 दिन पहले वह उसमें लिमिट से ज्यादा कारोबार करना चाहे तो फिर उसका सेटलमेंट इस महीने के अनुबंध से ऊंचे भाव पर करना होगा।लेकिन इसमें समस्या तब उत्पन्न होगी जब कीमत और डिलिवरी का डिफॉल्ट सामने आएगा। एफएमसी के चेयरमैन बी. सी. खटुआ ने कहा कि आयोग फिलहचाल सेटलमेंट कीमत, कम से कम समय में डिलिवरी आदि मसलों पर काम कर रहा है। (BS Hindi)
10 नवंबर 2008
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