मुंबई November 20, 2008
इस साल के बाकी बचे दिनों में चांदी की कीमतों में और कमी के आसार हैं।
ऐसा औद्योगिक और आभूषण निर्माण क्षेत्र में चांदी की मांग घटने के चलते होगा। गोल्ड फील्ड मिनरल सर्विसेज (जीएफएमएस) नामक अंतरराष्टीय कंसल्टेंसी फर्म द्वारा जारी ताजा अनुमान में ये बातें कही गई हैं। फर्म का कहना है कि मांग घटने से इस धातु का सरप्लस स्टॉक काफी बढ़ गया है। ऐसे में मांग और कीमतों में कमी आना तय है। पिछले साल की तुलना में चांदी की कीमत में अब तक करीब 21 फीसदी की तेजी हो गई है। हालांकि केवल मौजूदा साल की बात करें तो इसकी कीमत में करीब 38 फीसदी की गिरावट हो चुकी है। इसका साफ मतलब है कि फिलहाल चांदी के भाव काफी अस्थिर हैं, अगले साल भी जिसके जारी रहने के संकेत हैं। हालांकि गहने तैयार करने में चांदी का इस्तेमाल लगभग पिछले साल के ही स्तर पर रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2007 की तुलना में 2008 में गहने तैयार करने में चांदी के इस्तेमाल में करीब एक फीसदी की बढ़ोतरी होगी। हां, 2009 में इसमें कमी हो सकती है। दूसरी ओर, औद्योगिक मांग इस साल पिछले साल जितना ही रहा है लेकिन साल के बाकी बचे छह हफ्तों में इसमे कमी होने की उम्मीद है। जीएफएमएस का अनुमान है कि इस साल औद्योगिक मांग में भी करीब एक फीसदी की वृद्धि होगी। 2009 में औद्योगिक मांग घटने का अंदेशा इस फर्म ने जताया है। इसकी वजहें दुनिया के जीडीपी में कमी, औद्योगिक मांग में नरमी और इलेक्ट्रोनिक्स सेक्टर की विकास दर का कम होना हो सकती हैं।रिपोर्ट में बताया गया है कि फोटोग्राफी में डिजीटल तकनीक का रुख करने से चांदी के फोटोग्राफिक इस्तेमाल में करीब 11 फीसदी की कमी की उम्मीद है। दूसरी ओर चांदी के सिक्कों की मांग लगातार बढ़ रही है। मौजूदा वित्त वर्ष के बारे में अनुमान है कि सिक्के तैयार करने में चांदी का इस्तेमाल करीब 69 फीसदी बढ़ेगा। यह एक रिकॉर्ड ही होगा। अनुमान जताया गया है कि चांदी की मांग-आपूर्ति के बुनियादी तत्व अगले साल नकारात्मक हो सकते हैं। इसकी मुख्य वजह आभूषण तैयार करने में चांदी की मांग का कम होना है। इस वजह से अगले साल कीमतों में और कमी हो। चांदी सोने की तुलना में सस्ता होता है। इस वजह से इसमें निवेश सोने की तुलना में बढ़ने के आसार हैं। इसे देखते हुए जीएफएमएस का अगले साल के लिए चांदी की कीमतों का मौजूदा मूल्य अनुमान 15 डॉलर प्रति औंस है। हालांकि इस साल चांदी की कुल आपूर्ति करीब 4 फीसदी कम होने की उम्मीद है। (BS Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें