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07 नवंबर 2008

गेहूं का एमएसपी बढ़ाने पर फैसला एक पखवाड़े में

गेहूं की बुवाई पर फैसला करने के लिए सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का इंतजार कर रहे करोड़ों किसानों को अभी दो सप्ताह और रुकना होगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने संकेत दिए हैं कि एमएसपी के बारे में सरकार एक पखवाड़े में फैसला कर लेगी। सरकार ने एमएसपी के बारे में फैसला कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश के अनुसार ही लेने का मन बना लिया है। इस आशय का कैबिनेट नोट खाद्य मंत्रालय की ओर से खाद्य मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति को भेज दिया गया है। जिस पर जल्द ही फैसला लिया जाना है। पवार ने एक सेमिनार के अवसर पर यह जानकारी दी है। सीएसीपी ने रबी 2008-09 सीजन के लिए गेहूं का एमएसपी 80 रुपए बढ़ाकर 1080 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है। पिछले साल भी सरकार ने सीएसीपी की सिफारिश के अनुरूप गेहूं का एमएसपी 1000 रुपए प्रति क्विंटल तय किया था। कृषि मंत्री ने गैर बासमती चावल की बढ़ती कीमतों के बारे में कहा कि इनकी कीमतों को स्थिर रखने के लिए सरकार खुले बाजार में चावल की बिक्री शुरू कर सकती है। इस साल एक सितंबर को केंद्रीय पूल में 84.73 लाख टन का स्टॉक था। साथ ही इस साल सरकार ने रिकार्ड 285 लाख टन चावल की खरीद की है। गैर बासमती चावल के निर्यात पर लगी रोक को हटाने की संभावना को कृषि मंत्री ने खारिज करते हुए कहा कि इस मामले पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। खाद्य तेलों पर आयात शुल्क लगाने के बारे में उन्होंने कहा कि इसके बारे में कोई भी फैसला मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह की अगली बैठक में लिया जाएगा। चीनी के बारे में मंत्री का मानना था कि सरकार के पास इसका पर्याप्त स्टॉक है। जिसके चलते इसके कीमतों में उछाल आने की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि इस साल उत्पादन में कमी के बावजूद चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होगी। चीनी मिलों को पुराने स्टॉक को बाजार में बेचने को कहा जाएगा। सरकार के पास इस समय चीनी का 110 लाख टन का स्टॉक है। (Business Bhaskar)

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