मुंबई November 17, 2008
आर्थिक मंदी के चलते धन की किल्लत से परेशान इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसियशन (एसओपीए) ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि बैंकों को दूसरे बैंकों की ओर से जारी साख-पत्र (लेटर ऑफ क्रेडिट) स्वीकार करने के लिए निर्देश दिए जाएं।
सोपा के समन्वयक राजेश अग्रवाल ने बताया कि दो पहले देखने में आया कि एक बैंक ने दूसरे बैंक द्वारा जारी साख-पत्र को मानने से इनकार कर दिया। ऐसा इसलिए कि बैंक आगे किसी तरह की परेशानी में नहीं पड़ना चाहते। इस वजह से पूरे उद्योग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। संगठन का कहना है कि किसी बैंक द्वारा जारी साख-पत्र को दूसरे बैंक मान लें तो ऋण पाने में काफी सहूलियत होगी। वित्त मंत्री पी चिदंबरम को लिखे पत्र में सोपा ने कहा है कि धन की बढ़ती किल्लत से सारे सोया कारोबारियों को परेशानी हो रही है। यदि इस समस्या को दूर न किया गया तो सोयाबीन और सोया तेल की कीमतों में आशातीत बढ़ोतरी हो सकती है।संगठन का यह अनुरोध ऐसे समय आया है जब धन की किल्लत की खबरें कई जगहों से आ रही है। पिछले दिनों वित्त मंत्री ने बैंकों से कहा था कि मौजूदा आर्थिक संकट को देखते हुए कारोबारियों विशेषकर मध्यम और छोटे दर्जे वालों को ऋण मुहैया कराएं। इस बीच डीजीएफटी के मुताबिक, अक्टूबर में साोया उत्पादों के निर्यात में 15 फीसदी की कमी हुई है। (BS Hindi)
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