19 नवंबर 2008
सब्सिडी नीति पर खाद कंपनियों ने उठाए सवाल
नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर उर्वरक कीमतों में आई गिरावट के चलते केंद्र सरकार की सब्सिडी नीति पर खाद कंपनियों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। कंपनियों का कहना है कि मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय उर्वरक कीमतों में कमी के चलते कंपनियों को आयातित खाद पर मिलने वाली सब्सिडी काफी कम रह जाएगी। फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएआई) के उपमहानिदेशक आरसी गुप्ता ने बताया कि सब्सिडी नीति में कड़े नियम-कायदे हैं जो मौजूदा परिदृश्य में खाद कंपनियों के लिए नुकसानदेह हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी इस नीति में फेरबदल करना चाहिए। जिससे खाद कंपनियों को फायदा पहुंचे। उन्होंने कहा की मौजूदा नीति ऐसे बाजार के लिए है जहां दाम स्थिर हों। यूरिया के दामों में पिछले दिनों काफी कमी आई है। जहां एक ओर पहले दाम 850 डॉलर प्रति टन को छृू रहे थे वहीं, अब दाम 250 डॉलर प्रति टन पर हैं। खाद कंपनियों ने पहले महंगे दामों पर कांट्रैक्ट किए थे लेकिन सरकार अब सब्सिडी मौजूदा दामों पर देगी। इफ्को की पारादीप इकाई के कार्यकारी निदेशक एमआर पटेल के मुताबिक ऐसे में खाद कंपनियों को कम सब्सिडी मिलेगी जिससे उन्हें नुकसान होगा। पटेल के मुताबिक उद्योग ने उस समय पर कच्चा माल आयात किया था जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम काफी अधिक चल रहे थे लेकिन मौजूदा समय में यह दाम काफी कम हो गए हैं। उनका कहना है कि ऐसे में खाद कंपनियों को नुकसान होना लाजिमी है। (Business Bhaskar)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें