25 नवंबर 2008
ऊंचे एमएसपी के खिलाफ जिनर्स आज से हड़ताल पर
सरकार द्वारा किसानों से खरीद के लिए कपास का काफी ऊंचा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किए जाने के बाद खुले बाजार में भाव ऊंचे होने से परेशान जिनिंग मिलें हड़ताल पर जा रही हैं। गुजरात कॉटन जिनर्स एसोसिएशन के आह्वान पर गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब व हरियाणा समेत देश कई अन्य राज्यों की जिनिंग मिलें 25 व 26 नवंबर को हड़ताल करेंगी। हालांकि माना जा रहा है कि इस हड़ताल का असर मामूली ही होगा क्योंकि ज्यादातर मिलें ऊंचे भाव होने से पहले ही उत्पादन नहीं कर रही हैं या फिर कम उत्पादन कर रही हैं।दूसरी ओर कृषि मंत्री शरद पवार ने कपास के एमएसपी में कोई भी बदलाव करने से इंकार कर दिया है जबकि वाणिज्य सचिव जीके पिल्लई ने कहा है कि कपास के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी असाधारण है इसलिए सरकार इस पर विचार कर सकती है। पंजाब फैक्ट्रीज एंड जिनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भगवानदास बंसल ने बताया कि सरकार ने कपास का समर्थन मूल्य 2800 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है जो कि अंतरराष्ट्रीय भाव से भी काफी ऊंचा है। इसलिए वे इसका मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार को उन्हें 200 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस दिया जाना चाहिए। कॉटन जिनिंग मिलों का कहना है कि कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) द्वारा एमएसपी पर खरीद करने के कारण उन्हें ऊंचे भावों पर कपास खरीदनी पड़ रही है।जबकि विश्व बाजार में भावों में आई गिरावट के कारण उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिनिंग मिलों के मुताबिक चार महीने पहले विश्व बाजार में कॉटन के भाव 90 सेंट प्रति पौंड हो गए थे जबकि इस समय भाव घटकर 52 सेंट प्रति पौंड रह गए हैं। अत: भारत से कॉटन का निर्यात प्रभावित हो रहा है। भारतीय कॉटन के भाव विश्व बाजार में 55 सेंट प्रति पौंड पड़ रहा है। एमएसपी में बढ़ोतरी से घरेलू बाजार में इसके भाव इतने ऊंचे हो गए है कि विदेशी बाजार से घरेलू कॉटन मुकाबला नहीं कर पा रहा है। अबोहर के राकेश राठी ने बताया कि उत्तर भारत की मंडियों में कपास की आवक घटकर 14,500 गांठ (एक गांठ 170 किलो) रह गई तथा सीसीआई 2800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद कर रही है। जबकि टैक्सटाइल मिलें जिनर्स से बिनौला अलग की हुई रुई 2185-2215 रुपये प्रति मन (एक मन 40 किलो) के भाव खरीद रही हैं। यह भाव जिनिंग मिलों के लिए फायदेमंद नहीं है। मुक्तसर कॉटन प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर नवीन ग्रोवर ने बताया कि मंडियों में भाव तेज होने से मिलें कपास की खरीद नहीं कर रही है। (BS Hindi)
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