नई दिल्ली November 17, 2008
हीरा है सदा के लिए-यह कहावत हीरे की चमक और बढ़ा देती है, लेकिन मंदी के इस दौर में हीरे जैसे बहुमूल्य रत्न की चमक भी फीकी हो चली है।
हालत यह है कि पिछले तीन दिनों में हीरे में करीब 15 फीसदी की गिरावट हो चुकी है। दिल्ली के हीरा व्यापारी सुरेश वर्मा ने कहा कि सोने और चांदी जैसे बहुमूल्य धातुओं के बाद पिछले तीन दिनों में अब हीरे की कीमतों में भी 10-15 फीसदी की कमी आई है। उल्लेखनीय है कि मंदी ने जहां शेयर बाजार, जिंसों और बहुमूल्य धातुओं में निवेशकों की अच्छे रिटर्न की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है, वहीं हीरा अब तक निवेश का एक अच्छा विकल्प बना हुआ था। आर्थिक संकट से विश्वभर में व्यावसायिक गतिविधियों के प्रभावित होने के चलते रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जेम्स एंड जूलरी एक्सपोर्ट्स प्रमोशन काउंसिल, जीजेईपीसी) ने अपने सदस्यों से एक महीने के लिए बगैर तराशे हुए (रफ) हीरे का आयात घटाने को कहा है।जीजेईपीसी के अध्यक्ष वसंत मेहता का कहना है कि आयात में कमी से हीरा उद्योग को वैश्विक संकट से उपजी चुनौतियां का सामना करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक संकट ने रत्न और आभूषण क्षेत्र में करीब 50 हजार कारीगरों को बेरोजगार कर दिया है। (BS Hindi)
17 नवंबर 2008
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