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11 नवंबर 2008

सरकारी एजेंसियों ने बंद किया खाद्य तेल आयात

विश्व बाजार में खाद्य तेलों के दाम तेजी से नीचे आने के बाद भारत की सरकारी खरीद एजेंसियों ने खाद्य तेलों का आयात बंद कर दिया है। केंद्र सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीब उपभोक्ताओं को रियायती खाद्य तेल सुलभ कराने के लिए आयात कर रही थी। सरकार ने खाद्य तेलों के आयात को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है।सूत्रों के अनुसार अप्रैल से अभी तक एसटीसी, एमएमटीसी, पीईसी व नाफेड़ करीब 360,000 टन तेलों का आयात कर चुकी हैं जबकि राज्य सरकारों ने इसमें से आधा तेल ही अब तक उठाया है। चालू वर्ष के मार्च-अप्रैल महीने में घरेलू बाजारों में खाद्य तेलों के भावों में आई भारी तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार ने एसटीसी, एमएमटीसी, पीईसी व नाफैड के माध्यम से 10 लाख टन खाद्य तेलों का आयात करने का फैसला किया था। आयातित खाद्य तेलों को राज्य सरकारों के माध्यम से उपभोक्ताओं को 15 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी पर वितरित करना था। सूत्रों के अनुसार जिस समय केंद्र सरकार ये फैसला किया था उस दौरान घरेलू बाजारों में खाद्य तेलों के भाव काफी ऊंचे चल रहे थे लेकिन अगस्त के बाद खाद्य तेलों के भावों में जो गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ है, वह अभी तक रुका नहीं है। पिछले तीन-चार महीने में जहां विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के भावों में लगभग 50 से 55 फीसदी की गिरावट आ चुकी है वहीं भारतीय घरेलू बाजारों में भी सरसों तेल को छोड़ दें तो बाकी खाद्य तेलों में करीब 25 से 35 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है। भावों में आई गिरावट के परिणाम स्वरूप ही खाद्य तेलों को लेने में अब राज्य सरकारों द्वारा आनकानी की जा रही है। भारत पाम तेल का आयात इंडोनेशिया व मलेशिया तथा सोया तेल का आयात अर्ज्ेटीना और ब्राजील से करता है। (Business Bhaskar........R S Rana)

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