19 नवंबर 2008
मोम भी सात फीसदी सस्ता
क्रूड ऑयल के मूल्यों में आ रही लगातार गिरावट से मोम के दाम 7 फीसदी तक और घट गए हैं। बीते महीनों में क्रूड के दाम बढ़ने के साथ मोम की कीमतों में भी तेजी आई थी लेकिन क्रूड की कीमतें गिरने के साथ मोम के भाव कम नहीं हुए हालांकि अब क्रूड के करीब 70 फीसदी गिरने के बाद मोम की कीमतें महज 7 फीसदी तक कम हुई हैं। कारोबारियों के मुताबिक इसके मूल्यों में तेजी होने के कारण बिक्री बहुत कम हो रही है। कारोबारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में मोम की कीमतों में और नरमी आ सकती है।मोम में कारोबार करने वाले राजेश कुमार ने बिज़नेस भास्कर को बताया कि क्रूड ऑयल की कीमतों में आई भारी कमी का असर मोम की कीमतों पर भी पड़ा है। इसकी वजह से मोम के मूल्यों में 7 फीसदी तक की नरमी आई है। कारोबारियों के अनुसार खारी बावली स्थित दिल्ली के केमिकल बाजार में इंडियन (आईओसी) मोम 98 रुपये से घटकर 94 रुपये, चीन का मोम 96 रुपये से घटकर 90 रुपये और ईरानी मोम 85-86 से गिरकर 75-80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। जबकि पिछले साल इंडियन मोम 58 रुपये, ईरान 45 से 47 रुपये और चीन 55 से 57 रुपये प्रति किलो था। क्रूड ऑयल में तेजी के दौरान दो बार में मोम के भाव में 29 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी आई थी। क्रूड ऑयल की कीमत 112 डॉलर प्रति बैरल होने पर मोम 17 रुपये महंगा हुआ था। बाद में जब क्रूड 135 से 147 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंचा तो मोम 11 रुपये प्रति किलो और तेज हो गया। लेकिन इस समय क्रूड ऑयल की कीमत 55 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास है।क्रूड तेल के भावों में तो पिछले एक-डेढ़ महीने में भारी गिरावट आई है लेकिन उस हिसाब से मोम के भाव नहीं घटे हैं। मोम के भावों में अपेक्षित गिरावट न आने के परिणामस्वरूप ही इसमें मांग कमजोर देखी जा रही है। जानकारों का मानना है कि आगामी दिनों में इसके भावों में गिरावट आ सकती है। अत: जैसे ही मोम के मौजूदा भावों में गिरावट आयेगी तभी मोम में मांग निकलने की संभावना है। कारोबारियों का कहना है कि मोम की मांग में भारी कमी देखी जा रही है इसकी वजह इसके भाव अधिक होना है। मोम कारोबारी मनोज शर्मा का कहना है कि मोम की बिक्री बहुत कम हो रही है। उनका है कि आने वाले दिनों में मोम के दाम और कम होने की उम्मीद है क्योंकि क्रूड की कीमतें काफी नीचे आ गई है। शर्मा बताते है कि हर साल परंपरागत रूप से दिवाली के समय इसकी बिक्री खूब होती थी लेकिन इस बार मोम के महंगा होने के कारण उस समय ब्रिकी में करीब 60 फीसदी की कमी आई थी। (Business Bhaskar)
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