19 नवंबर 2008
सरकार अनाज आवंटन की प्रक्रिया ठीक करगी
राज्यों से खाद्यान्न खासकर धान चावल का नाकाफी आवंटन होने की लगातार शिकायतें मिलने के बाद सरकार गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) के उपभोक्ताओं के लिए अनाज आवंटन की प्रक्रिया को दुरुस्त करने पर विचार कर रही है। कई राज्यों से आवंटन को लेकर शिकायतें आने की वजह से केंद्रीय खाद्य मंत्रालय खाद्यान्न आवंटन को तर्कसंगत बनाने की तैयारी कर रहा है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इसके तहत गरीबी रखा से ऊपर जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए खाद्यान्न आवंटन की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी। कई राज्यों से शिकायतें आ रही हैं। माना यह जा रहा है कि इस कदम के तहत सरकार एपीएल कार्ड धारकों को मिलने वाले अनाज की मात्रा को बढ़ा सकती है। लेकिन राज्यों की मांग के मुताबिक आवंटन की मात्रा में वृद्धि की उम्मीद नहीं है। केरल और छत्तीसगढ़ राज्यों ने चावल की पर्याप्त मात्रा का आवंटन नहीं होने की शिकायत की थी। दरअसल पिछले कुछ सालों के दौरान एपीएल कैटेगरी में चावल की मांग काफी बढ़ी है। बाजार भाव और सरकारी दरों मे भारी अंतर होने की वजह से ज्यादातर कार्ड धारक आवंटित चावल खरीद रहे हैं। लेकिन करीब चार साल पहले जब चावल के बाजार भाव और सरकारी दरों में ज्यादा अंतर नहीं होता था, तब राशन की दुकानों पर चावल की मांग ज्यादा नहीं रहती थी। इसी वजह से सरकार पिछले कुछ सालों में राज्यों को चावल का आवंटन बढ़ाया नहीं है। उल्लेखनीय है कि सरकार राशन की दुकानों के जरिये चावल 8.30 रुपये किलो और गेहूं 6.10 रुपये किलो बेच रही है। ज्ञात हो कि दोनों खाद्यान्नों के मौजूदा भाव साल 2002 के बाद से बदले नहीं हैं। जबकि इस दौरान सरकार धान के एमएसपी को 5.50 रुपये किलो से बढ़कर नौ रुपये किलो और गेहूं के एमएसपी को 6.30 रुपये से बढ़कर दस रुपये किलो हो गया है। जानकारों के मुताबिक पिछले साल के दौरान गेहूं और चावल की रिकार्ड खरीद होने की वजह से सरकार आवंटन प्रक्रिया में बदलाव करना चाहती है। पिछले साल केंद्र सरकार ने करीब 227 लाख टन गेहूं और 285 लाख टन चावल की खरीद की थी। (Business Bhaskar)
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