नई दिल्ली November 27, 2008
कतर के साथ संयुक्त उद्यम के तहत भारत खाड़ी देश से निर्धारित कीमत पर यूरिया मंगाने के लिए बाईबैक व्यवस्था के आधार पर जल्दी ही वहां 16 लाख टन क्षमता वाला उर्वरक संयंत्र लगा सकता है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उर्वरक सचिव अतुल चतुर्वेदी और इफको के प्रबंध निदेशक यूएस अवस्थी प्रस्तावित संयंत्र के बारे में बातचीत के लिए इस समय कतर में हैं। यह ओमान में स्थापित किए गए संयंत्र जैसा ही होने की उम्मीद है। कतर प्रस्तावित उर्वरक इकाई के लिए भारत की शर्तों के मुताबिक कीमत पर गैस देने को सहमत हो गया है। उर्वरक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'अगर जरूरत पड़ी तो सरकार प्रस्तावित यूरिया संयंत्र में निवेश करने से पीछे नहीं हटेगी।परियोजना के लिए आवश्यक गैस वाजिब कीमत पर उपलब्ध कराने के लिए कतर ने आश्वासन दिया है।' भारत कतर से न्यूनतम 25 लाख टन अतिरिक्त एलएनजी और उर्वरक खरीदने का इच्छुक है।इस महीने खाड़ी देश की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कतर से उर्वरक की आपूर्ति पर विचार-किया था। उवर्रक आपूर्ति या तो भारत स्थित उर्वरक संयंत्रों में निवेश के जरिए या फिर बाईबैक व्यवस्था के तहत कतर संयंत्र के विस्तार से की जा सकती है।अधिकारी ने बताया कि भारत और कतर, ओमान इंडिया फर्टिलाइजर कंपनी की तर्ज पर 50-50 फीसदी इक्विटी के साथ संयुक्त उद्यम लगाने पर विचार कर रहे हैं। (BS Hindi)
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