09 नवंबर 2008
तीस पाम तेल आयातकों को मिला अल्टीमेटम
इंडोनेशिया की क्रूड पाम तेल उत्पादकों के संगठन ने पाम तेल सौदे न उठाने की डिफाल्टर कंपनियों को अल्टीमेटम दिया है कि वे एक सप्ताह में अपने सौदों की डिलीवरी लें, अन्यथा वह उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा। इंडोनेशिया पाम तेल उत्पादक संघ ने कहा है कि वह आयातक इन कंपनियों पर जुर्माना लगाने पर विचार कर रहा है। संघ ने भारत के प्रमुख वेजिटेबल ऑयल आयतक कंपनियों, जिनके साथ वह व्यवसाय करता है, से भी अनुरोध किया है कि वे डिफाल्टर कंपनियों के लिए कोई आयात न करें।इंडोनेशियाई पाम तेल उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक संघ ने भारत की 30 डिफाल्टर कंपनियों को काली सूची में पहले ही डाल दिया है। पिछले महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाम तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बाद भारत के कई पाम तेल आयातकों ने पहले से तय सौदों की डिलीवरी नहीं उठाई है। संघ के कार्यकारी अध्यक्ष डेरॉम बांगून ने बताया कि पिछले सप्ताह भारत सरकार तथा भारतीय उद्योग संघों को एक पत्र भेजा गया है। जिसमें डिफॉल्टर कंपनियों से सौदे पूर कराने के मुद्दे पर सहायता मांगी गई है। बांगुन ने कहा कि अभी तक प्रभावित इंडोनेशियाई कंपनियों के बार में पूरी जानकारी इकट्ठी नहीं हुई है, फिर भी अनुमान है कि सौदे रद्द होने से अधिकांश निर्यात कंपनियों को घाटा उठाना पड़ा है। इन स्थितियों में भारत की डिफॉल्टर कंपनियां तब तक काली सूची में रहेंगी, जब तक की वे अपने सौदे पूर नहीं करतीं। उन्होंने बताया कि डिफॉल्टर कंपनियों पर जुर्माना लगाने के अलावा भारत के प्रमुख वेजिटेबल आयातक कंपनियों से अनुरोध किया गया है कि वे डिफॉल्टर कंपनियों के लिए कोई आयात न करें।इधर भारतीय पाम तेल आयातकों का कहना है कि वैश्विक बाजार में पाम तेल की घटती कीमतों की वजह से घरलू ग्राहकों ने पहले के ऊंचे दाम पर तेल खरीदने से मना कर दिया है। ऐसे में उनके पास आयात सौदे रद्द करना ही एक विकल्प बचा था। (Business Bhaskar)
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