09 नवंबर 2008
निर्यात मांग घटने से काली मिर्च सस्ती
निर्यात के साथ-साथ घरेलू मांग भी कमजोर होने से पिछले एक महीने में काली मिर्च में करीब 2000 रुपये प्रति क्विंटल की भारी गिरावट दर्ज की गई है। कोच्चि में भाव 11000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए है। लेकिन कारोबारियों को उम्मीद है कि भाव अब और नहीं गिरेंगे। उनका मानना है कि उत्पादक राज्यों में कमजोर स्टॉक बचने और आने वाली नई फसल के उत्पादन में कमी के अनुमान से गिरावट थम जाएगी। काली मिर्च के निर्यातक मैसर्स एस ए रावथर स्पाइस प्राइवेट लिमिटेड के अनीस रावथर ने बिजनेस भास्कर को बताया कि जुलाई माह में देश में कालीमिर्च के उत्पादन में अग्रणी राज्य केरल में औसत से कम वर्षा होने के कारण कालीमिर्च के उत्पादन में गिरावट आएगी। बीते वर्ष देश में कालीमिर्च का कुल उत्पादन 45000 टन हुआ थालेकिन प्रतिकूल मौसम के चलते नई फसल का उत्पादन घटकर मात्र 35000 टन ही रहने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि आर्थिक मंदी के कारण इसके निर्यात में अभी तक तो कमी आई है लेकिन अब चूंकि सर्दियों का सीजन शुरू हो गया है। इसलिए घरेलू खपत के साथ-साथ निर्यात मांग बढ़ने से कालीमिर्च की गिरावट तो रुक ही जाएगी, साथ ही आगामी दिनों में इसके भावों में सुधार आने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से सितंबर तक काली मिर्च के निर्यात में 33 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 12,750 टन का हुआ है। (Business Bhaskar..........R S Rana)
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