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10 नवंबर 2008

बेस मेटल: कीमतें लागत से भी नीचे

मुंबई: बाजार में चल रही मंदी को देखते हुए बेस मेटल के लिए आने वाले वक्त में भी खराब संकेत दिखाई दे रहे हैं। ग्लोबल मंदी की वजह से इन धातुओं की कीमतें पिछले कई सालों के निम्नतम स्तर पर चली गई हैं। पिछले हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व के दरों में कटौती किए जाने और वहां राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित होने की वजह से हालांकि इनकी कीमतों में कुछ उछाल आया था लेकिन यह उछाल बेहद अल्पकालीन साबित हुआ। कार्वी कॉमट्रेड के रिसर्च हेड हरीश गलीपेली कहते हैं, 'ज्यादातर बेस मेटल की कीमतें लागत से कम हैं। हालांकि, कभी-कभी सौदेबाजी और शॉर्ट कवरिंग से इनमें शॉर्ट टर्म तेजी दिखाई देती है।' अमेरिका, ब्रिटेन और यूरो जोन में मंदी की आशंकाओं की वजह से बेस मेटल की मांग में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। मैन्युफैक्चरिंग और इंडस्ट्रियल सेक्टर के जारी हुए ज्यादातर आंकड़े पिछले कई सालों के निम्नतम स्तर को प्रदर्शित कर रहे हैं। इससे बाजार में नकदी की कमी का साफ अंदाजा लग रहा है। शुक्रवार को अमेरिकी रोजगार की स्थिति के बारे में जारी हुए आंकड़े यह बता रहे हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तेजी से मंदी की ओर बढ़ रही है। अमेरिका में लगातार 10वें महीने में रोजगार में कमी आई है। बेरोजगारी की दर बढ़कर 6.5 फीसदी पर आ गई है। गलीपेली के मुताबिक, विकसित देशों में जारी हुए आंकड़े काफी निराशाजनक हैं। इसका सीधा असर बेस मेटल की कीमतों पर दिखाई दे रहा है। मौजूदा वक्त में अब फोकस पूरी तरह से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं पर केंद्रित हो गया है। सब यह देख रहे हैं कि विकसित देशों में पैदा हो रही मंदी का इन देशों की वृद्धि दर पर किस तरह से असर पड़ेगा। खासतौर पर सबकी निगाहें चीन और भारत की ओर लगी हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के गुरुवार को जारी किए गए हालिया जारी आंकड़ों में साल 2009 में ग्लोबल आर्थिक वृद्धि के 2.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। IMF का यह आंकड़ा पिछले जारी अनुमान से 0.8 फीसदी कम है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं में प्रथम विश्व युद्ध के बाद पहली बार इतनी गिरावट की आशंका है। इससे पहले यूरोपीय कमीशन ने कहा था कि साल 2009 में यूरो जोन की आर्थिक रफ्तार में 0.1 फीसदी की कमी आने की आशंका है। ब्रिटेन से भी इसी तरह के संकेत आ रहे हैं। ब्रिटेन में तीसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों में 0.5 फीसदी की निगेटिव वृद्धि दर्ज की गई है। इससे ब्रिटेन के मंदी में चपेट में आने की खबर को बल मिला है। गुरुवार को बैंक ऑफ इंग्लैंड ने अपनी बेंचमार्क ब्याज दरों में 150BPS (1.5 फीसदी) की और यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने BPLR में 50 BPS (आधा फीसदी) की कटौती करने का एलान किया। (ET Hindi)

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