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07 नवंबर 2008

सेनवैट छूट को लेकर फॉरवर्ड मार्केट कमीशन CBFC के पास

मुंबई : सेंट्रल वैल्यू ऐडेड टैक्स (सेनवैट) पर क्रेडिट के दावे पर उलझन के चलते फ्यूचर एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर बेस मेटल और फर्नेस ऑयल जैसी कमोडिटी की डिलिवरी पर प्रभाव पड़ता है, लेकिन अब बाजार नियामक फारवर्ड मार्केट्स कमीशन (एमएमसी) मामले को लेकर सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) के पास जा रहा है। इससे डिलिवरी में सुधार आने की संभावना जताई जा रही है। एफएमसी के चेयरमैन बी. सी. खटुआ ने ईटी को बताया कि उन्होंने मामले में दखल देने के लिए हाल ही में सीबीईसी को पत्र लिखा है। एक्साइज नियमों के तहत सेनवैट पर पर छूट केवल दूसरे स्तर तक के ही डीलर को दी जा सकती है, लेकिन फ्यूचर एक्सचेंज में एक ही कॉन्ट्रैक्ट कई हाथों से गुजरता है। इसलिए यहां सेनवैट पर क्रेडिट का दावा नहीं हो पा रहा। इसका असर डिलिवरी पर पड़ रहा है। अंतिम उत्पाद पर एक्साइज ड्यूटी देने वाले निर्माता सेनवैट पर छूट की मांग कर सकते हैं। एक्सचेंज प्लैटफॉर्म पर डिलिवरी अच्छी होने से ट्रेडर अपने जोखिम को बेहतर ढंग से व्यवस्थित कर सकते हैं और खुले बाजार में भी खरीदारी में आ रही मुश्किलों को हल कर सकते हैं। खटुआ ने इस बात की ओर इशारा किया कि एक्सचेंज पर ट्रेड किए जा रहे कमोडिटी के बारे में पता लगाया जा सकता है, जब तक कि अंतिम खरीदार डिलिवरी नहीं ले लेता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वह कितने हाथों से होकर गुजरता है। उन्होंने कहा, 'खरीदार सेनवैट पर छूट का आसानी से दावा कर सकते हैं क्योंकि उनके पास डिलीवरी लेने का प्रमाणपत्र होता है।' हालांकि मेटल के वास्तविक उपयोगकर्ताओं के पास दूसरी समस्याएं हैं, जिससे वे एक्सचेंज पर लेनदेन नहीं कर पा रहे हैं। बॉम्बे मेटल एक्सचेंज का कहना है कि कर मुद्दों के अलावा देश भर में भंडारण की भी समस्या है और परिवहन लागत को देखते हुए यह ज्यादा आसान है कि आप इसे स्थानीय मंडियों से खरीद लें। (ET Hindi)

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