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07 नवंबर 2008

सस्ते माल की मलाई खुद 'जोड़ेंगी' सीमेंट कंपनियां

मुंबई November 05, 2008
घरेलू सीमेंट उद्योग, जो मुनाफे में कमी को झेलता आ रहा है, उपभोक्ताओं को कच्चे माल की कीमतों में हाल में हुई गिरावट का लाभ शायद ही दे।
2,040 लाख टन की उत्पादन क्षमता वाला यह उद्योग देश भर में अत्यधिक क्षमता विस्तार के कारण दबाव में है। आयातित कोयले की कीमत, जिसने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान 200 डॉलर प्रति टन की ऊंचाई हासिल की थी, अब घट कर लगभग 120 से 200 डॉलर प्रति टन के स्तर पर आ गई है। इसके अतिरिक्त कच्चे तेल की कीमतें भी कम होकर लगभग 70 डॉलर प्रति बैरल हो गई हैं और इस उद्योग के पैकेजिंग लागत के भी कम होने के अनुमान हैं। कोयला सीमेंट उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण कच्चा माल है। ऐतिहासिक रूप से अधिक कीमतों के कारण वित्त वर्ष 2009 में अभी तक अधिकांश सीमेंट कंपनियों के लाभ में कमी आई है।उद्योग विश्लेषकों के अनुसार, 'सीमेंट निर्माता कच्चे माल की कीमतों में हाल में हुई कमी का लाभ दूसरों को देने के बजाए घटते मुनाफे को संभालना चाहेंगे। कुछ मामलों में मुनाफा घट कर 15 से 26 प्रतिशत रह गया है जबकि पिछले साल यह 38 से 40 प्रतिशत था।' उन्होंने बताया कि कुल मिला कर सीमेंट की मांग में कमी देखी जा रही है और केवल कीमतों को घटाने से मांग में तेजी नहीं आएगी। क्षमताओं का इस्तेमाल भी पिछले साल के 95 प्रतिशत से घट कर 80 प्रतिशत से थोड़ा ही अधिक रह गया है।उदाहरण के लिए दक्षिण भारत के प्रमुख उत्पादक इंडिया सीमेंट, जो अपनी जरूरत के 80 प्रतिशत कोयले का आयात करता है, कोशिश करेगा कि कच्चे माल की कम हो रही कीमतों से वह लाभ अर्जित करे। इस सप्ताह हुए एक कंफ्रेंस में कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि सितंबर की तिमाही की तुलना में, जब कोयले की कीमत 140 डॉलर प्रति टन थी, वर्तमान तिमाही में कोयले की कीमतें घट कर 125 डॉलर प्रति टन हो सकती है और अंतिम तिमाही में भी कोयले की कीमतों में अच्छी-खासी कमी देखने को मिल सकती है।उन्होंने कहा, 'चूंकि कच्चे माल की कीमतें कम होंगी और दक्षिण भारत में सीमेंट की मांग जबर्दस्त है इसलिए हम चाहेंगे कि कीमतों में मजबूती बनी रहे साथ ही हम कीमतों में बढ़ोतरी करने का प्रयास भी करेंगे।' बी के बिड़ला समूह के मंगलम सीमेंट के अध्यक्ष आर सी गुप्ता ने कहा, 'मुनाफे को संभालने के लिए सीमेंट उद्योग इन लाभों को अन्य के साथ नहीं बांटेगा।'उद्योग विश्लेषकों ने कहा कि अगर आगे मांग में और अधिक कमजोरी आती है तो सीमेंट निर्माताओं को अपने उत्पाद बेचने की गरज होगी और ऐसे में हमें कुछ छूट देखने को मिल सकती है। वर्तमान में सीमेंट के 50 किलो के प्रति बैग की कीमत 225 रुपये के आसपास है। यद्यपि कुछ क्षेत्रों, खास तौर से उत्तर-पश्चिम और देश के पूर्वी हिस्सों में सीमेंट की कीमतें घट कर 200 रुपये प्रति बैग (50 किलो) हो गई हैं। (BS Hindi)

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