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10 नवंबर 2008

कीमतों में गिरावट से किसानों ने रोकी सोयाबीन की आवक

देश भर की मंडियों में सोयाबीन की आवक में काफी कमी आई है। किसानों को उनके उत्पाद का वाजिब दाम नहीं मिल पाने की वजह से मध्यप्रदेश और राजस्थान की मंडियों में सोयाबीन की आवक करीब 60 फीसदी तक घट चुकी है। गौरतलब है कि पिछले एक महीने के दौरान घरलू बाजारों में सोयाबीन की कीमतों में तगड़ी गिरावट हुई है। पिछले सप्ताह शनिवार को राजस्थान की कोटा मंडी में सोयाबीन का भाव करीब 1550 रुपये `िंटल रहा। वहीं इंदौर की संयोगितागंज मंडी में सोयाबीन करीब 1550-1650 रुपये `िंटल बिका। कारोबारियों का मानना है कि मांग कम होने की वजह से कीमतों में गिरावट जारी है। कोटा के कारोबारी उत्तम अग्रवाल ने बताया कि मौजूदा समय में मिलों की मांग में काफी कमी आई है। वहीं डीओसी की निर्यात मांग कम होने से भी सोयाबीन का कारोबार कमजोर हुआ है। वैव्श्रिक बाजारों में तिलहनों का भाव घटने से भी घरलू करोबार प्रभावित हो रहा है। नतीजन कीमत कम मिलने की वजह से किसानों ने आवक रोक दी है। कोटा में मौजूदा समय में करीब 15-20 हजार बोरी सोयाबीन की आवक हो रही है। जबकि पिछले साल इस अवधि के दौरान करीब 60 बोरी रोजाना आवक हुई थी। इंदौर के संयोगितागंज अनाज मंडी प्रभारी दिलीप नागर ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर महीने के दौरान यहां करीब पांच लाख बोरी सोयाबीन की आवक हुई थी। जबकि चालू साल के अक्टूबर महीने में यहां महज 1.60 लाख बोरी आवक रही। इस साल तीन अक्टूबर को यहां करीब 12 हजार बोरी की सबसे ज्यादा आवक हुई थी। लेकिन उसके बाद से यह आंकड़ा पार नहीं हो सका है। उन्होंने बताया कि चालू सीजन के शुरूआती दौर में सोयाबीन करीब 2300 रुपये `िं टल बिका था। जिसमें महीने भर के अंदर करीब 700 रुपये `िंटल तक की गिरावट हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि चालू साल के दौरान मुद्रास्फीति दर ऊपर रहने की वजह से सोयाबीन उत्पादन लागत में वृद्धि हुई है। सोपा के समन्वयक राजेश अग्रवाल के मुताबिक जमीन, बीज, खाद और मजदूरी की ऊंची दर के कारण किसानों को मिलने वाले मुनाफे पर खास असर पड़ा है। उन्होंने बताया कि बढ़े लागत को ध्यान में रखते हुए ही केंद्र सरकार ने इस साल सोयाबीन के एमएसपी में भी इजाफा कर इसे 1390 रुपये `िं टल कर दिया है। लेकिन जानकारों का मानना है कि इस बढ़त के बावजूद जमीनी स्तर पर किसानों को बेहतर मुनाफा नहीं मिल पा रहा है। कोटा के कारोबारी उत्तम अग्रवाल के मुताबिक पिछले साल सोयाबीन का उत्पादन लागत करीब 1670 रुपये प्रति `िंटल था। वहीं कटाई के समय मंडियों में यह करीब 1690-1750 रुपये `िंटल बिका था। उन्होंने बताया कि चालू साल के दौरान उत्पादन लागत में करीब 20 फीसदी का इजाफा होने से यह करीब 1950 रुपये `िं टल बैठ रहा है। जबकि मंडियों में इस समय सोयाबीन का भाव काफी नीचे है। इस साल बोआई के समय सोयाबीन का भाव करीब 2800 रुपये `िंटल के उज्‍जा स्तर पर पहुंच गए थे। लिहाजा किसानों ने इसकी फसल में ज्यादा रुचि दिखाई।( Business Bhaskar)

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