नई दिल्ली : इन दिनों पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज का जबरदस्त निर्यात कर रहा है। इसका सीधा असर भारतीय निर्यात पर पड़ रहा है। सितंबर में भारतीय प्याज निर्यात में 29 फीसदी की गिरावट देखी गई। प्याज निर्यात से संबंधित नेफेड के एक आला अधिकारी ने बताया, 'पिछले महीने भारत का प्याज निर्यात घटकर 94,836 टन रह गया जो कि एक साल पहले 1,34,040 टन था। इसका कारण पाकिस्तान से बढ़ा निर्यात है। श्रीलंका और पश्चिमी एशियाई देशों में पाकिस्तान जोरदार तरीके से प्याज भेज रहा है।' जिन देशों को पाकिस्तान अभी प्याज निर्यात कर रहा है, वे पिछले वित्त वर्ष तक भारत से प्याज आयात करते रहे हैं। पाकिस्तान इन दिनों रेकॉर्ड 17.6 लाख टन प्याज निर्यात कर रहा है।
दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल पाकिस्तान ने भारत से 1,69,918 लाख टन प्याज का आयात किया था। उस समय पाकिस्तान में प्याज की पैदावार काफी कम हुई थी। हालांकि इस साल वहां प्याज का अच्छा खासा उत्पादन हुआ था जिसकी वजह से उसने भारत से आयात में भारी कटौती कर दी और प्याज का निर्यात करना शुरू कर दिया। हालांकि इस वित्त वर्ष में भारत अब तक 9।91 लाख टन प्याज का निर्यात कर चुका है जो कि एक साल पहले के 9.15 लाख टन से ज्यादा है। पाकिस्तान की ओर से आने वाली मांग मई के अंत से गिरने लगी और यह जिन देशों को अभी निर्यात कर रहा है, वे भारत से आयात कर रहे होते। यह मसला अब भारत के लिए चुनौती बन गया है। नासिक के आसपास के इलाकों में होने वाली प्याज को आम तौर पर पाकिस्तान और खाड़ी देशों में भेजा जाता है जबकि दक्षिण भारत में पैदा होने वाली प्याज को श्रीलंका, मलेशिया और सिंगापुर भेजा जाता है। इस बीच नेफेड ने अक्टूबर महीने के लिए प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। अभी यह मूल्य 215-220 डॉलर प्रति टन है। हालांकि नेफेड का कहना है कि वह प्याज की घरेलू सप्लाई पर करीबी नजर बनाए हुए है। (ईट टी हिन्दी)
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