नई दिल्ली October 22, 2009
त्योहारी मौसम खत्म होने के बावजूद चीनी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी जारी है। यह अपने सर्वोत्तम ऊंचाई पर पहुंच चुकी है।
गुरुवार को थोक बाजार में चीनी की कीमत 32.50 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गयी। डबल रिफाइंड चीनी के थोक भाव तो 33 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए। इसके साथ ही खुदरा बाजार में चीनी के दाम 36-37 रुपये प्रति किलोग्राम हो चुके हैं।
बाजार में तेजी के रुख को देखते हुए इस सप्ताह कीमत में कोई कमी होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। बाजार में चीनी की आपूर्ति कम होने से उठाव में तेजी आ गयी है। गत बुधवार को कृषि मंत्री शरद पवार ने रिफाइंड चीनी के शुल्क मुक्त आयात की अवधि नवंबर, 2009 से बढ़ाकर दिसंबर, 2010 तक करने की घोषणा की है। लेकिन इसका कोई असर चीनी बाजार पर नहीं पड़ा है।
सरकार 2009-10 के लिए 160 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगा रही है। जबकि सालाना घरेलू खपत 230-240 लाख टन है। अगस्त माह के दौरान थोक बाजार में चीनी की कीमत 32 रुपये प्रति किलोग्राम की रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गयी थी। लेकिन सरकारी सख्ती के बाद चीनी के थोक भाव 28-29 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए थे।
कारोबारी बताते हैं कि चीनी के दाम में गत 15 अक्टूबर से ही तेजी शुरू हो गयी थी। उस दिन यह कीमत 31-31.50 रुपये प्रति किलोग्राम तक हो चुकी थी। 16 अक्टूबर से चीनी मिलें बंद हो गयी थीं और गत 20 अक्टूबर को मिलें खुलने के बाद भी चीनी में तेजी का रुख जारी है।
कारोबारियों ने बताया कि कीमत तेज होने से उठाव में भी तेजी आ गयी है। क्योंकि कीमतों में और तेजी की आशंका के मद्देनजर उठाव ज्यादा होने लगता है। इन दिनों दिल्ली में उत्तर प्रदेश के मुकाबले महाराष्ट्र से चीनी की आपूर्ति ज्यादा हो रही है। थोक कारोबारियों के मुताबिक हर सप्ताह दिल्ली में महाराष्ट्र से दो रैक चीनी की आपूर्ति की जा रही है।
एक रैक में 20-30 हजार बोरी (1 बोरी = 100 किलोग्राम) चीनी होती है। वे यह भी कह रहे हैं कि बाजार में चीनी की आपूर्ति की लाइन सुचारू तरीके से नहीं चल रही है। यहां तक कि आयातित रिफाइंड चीनी की आपूर्ति भी अभी बाजार में नहीं हो रही है। सरकार के मुताबिक अब तक 3 लाख टन से अधिक रिफाइंड चीनी का आयात हो चुका है।
अक्टूबर माह के लिए सरकार ने 20 लाख क्विंटल चीनी का कोटा जारी किया है। जो कि एक माह के लिए पर्याप्त है। थोक व्यापारी चीनी मिल वालों से डिलिवरी लेते हैं। चीनी के दो प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र एवं उत्तर प्रदेश में गन्ने की पेराई अभी शुरू नहीं हुई है। यहां नवंबर माह में गन्ने की पेराई शुरू होगी। (बीएस हिन्दी)
23 अक्तूबर 2009
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