20 अक्तूबर 2009
यूपी में गन्ने के सरकारी मूल्य पर मिलों व किसानों में खींचतान
चीनी मिलों ने 160 रुपये एसएपी तय करने की मांग की जबकि किसानों ने 280 रुपये का दाम मांगा अक्टूब से शुरू वर्ष 2009-10 पेराई सीजन उत्तर प्रदेश की की चीनी मिलें गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) तय होने का इंतजार कर रही है। राज्य की मिलें जहां 160 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का एसएपी तय करने की मांग कर रही है वहीं किसान 200 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा दाम तय करने की मांग कर रहे हैं। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार एसएपी 180 रुपये प्रति क्विंटल तय किए जाने की संभावना है। पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब में राज्य सरकारें पहले ही एसएपी तय कर चुकी हैं।उत्तर प्रदेश चीनी मिल एसोसिएशन के सचिव श्याम लाल गुप्ता ने बताया कि पहली नवंबर के बाद ही मिलें पेराई शुरू करेंगी। मिलों ने सरकार से गन्ने का एसएपी 160 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की मांग की है। उम्मीद है कि अगले आठ-दस दिनों में भाव तय हो जाएगा। गन्ने के उत्पादन में कमी और आयात महंगा होने से नए सीजन में चीनी की कीमतें फुटकर में 30 रुपये किलो से नीचे आने के आसार नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के एक उच्च अधिकारी के अनुसार वर्ष 2009-10 के लिए गन्ने का एसएपी 180 रुपये प्रति क्विंटल तय किए जाने की संभावना है। धामपुर शुगर मिल्स लिमिटेड के प्रमोटर डायरेक्टर और चेयरमैन विजय गोयल ने बताया कि वर्ष 2008-09 में चीनी का उत्पादन 150 लाख टन से कम हुआ था लेकिन नए सीजन में उत्पादन बढ़कर 160 लाख टन होने की संभावना है। देश की सालाना खपत करीब 225 लाख टन की है इसलिए नए सीजन में भी करीब 40-50 लाख टन चीनी का आयात करना पड़ेगा। ऐसे में आगामी दिनों में घरेलू बाजार में चीनी की तेजी-मंदी अंतरराष्ट्रीय भाव के हिसाब से ही तय होगी।लंबे समय से गन्ना किसानों के हितों की लड़ाई लड़ रहे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वी। एम. सिंह ने बताया कि चीनी के दाम पिछले साल के मुकाबले करीब 75 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। दिल्ली के थोक बाजार में इस समय चीनी के दाम 3100 रुपये प्रति क्विंटल ऊपर हैं जबकि पिछले साल इन दिनों भाव 1750 रुपये प्रति क्विंटल थे। जून-जुलाई और अगस्त के मध्य तक मानसून कमजोर रहा था, जिसके कारण किसानों की लागत बढ़ी है। सितंबर में राज्य के कई क्षेत्रों में बाढ़ से फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे में राज्य सरकार को गन्ने का एसएपी बढ़ाकर 280 रुपये प्रति क्विंटल तय करना चाहिए। पिछले साल राज्य सरकार ने गन्ने का एसएपी 140-145 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था।मुजफ्फरनगर के गुड़ व्यापारी हरि शंकर मूंदड़ा ने बताया कि कोल्हू संचालक किसानों से गन्ने की खरीद 190-210 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर कर रहे हैं। नवंबर महीने में गन्ना मिलों में पेराई शुरू होने के बाद गन्ना कीमतों को लेकर कोल्हू संचालकों और चीनी मिलों में प्रतिस्पर्धा होने से गन्ने की मौजूदा कीमतों में और भी इजाफा होने की संभावना है।rana@businessbhaskar.net (आर अस राणा)
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