नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गन्ना उत्पादक राज्यों में जबर्दस्त विरोध से निश्चिंत रहते हुए गन्ने की नई मूल्य प्रणाली को केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। अब राज्यों में इसी आधार पर गन्ने का मूल्य तय किया जाएगा, जो चालू पेराई सत्र से लागू होगा। वहीं दूसरी तरफ धान पर 50 रुपये का बोनस घोषित कर धान उत्पादक किसानों को खुश करने की कोशिश की गई है। हालांकि यह फैसला भी धान की सरकारी खरीद में गिरावट को देखते हुए लिया गया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति [सीसीईए] की बैठक में गन्ने का मूल्य तय करने की नई मूल्य प्रणाली एफएंडआर को मंजूरी मिल गई। इस नई मूल्य प्रणाली को लागू करने के लिए सरकार ने एक सप्ताह पहले ही अध्यादेश जारी कर दिया है। सीसीईए के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने बताया कि नई मूल्य प्रणाली संबंधी विधेयक संसद के आगामी शीत सत्र में पेश किया जाएगा। इसमें आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया जाएगा।
चालू पेराई सत्र 2009-10 [अक्टूबर से सितंबर] में एफएंडआर की नई मूल्य प्रणाली में गन्ने का न्यूनतम मूल्य 129.84 रुपये प्रति क्िवटल तय किया गया है। यह मूल्य 9.50 प्रतिशत की न्यूनतम चीनी रिकवरी की दर पर लागू होगा। इससे अधिक की चीनी रिकवरी पर प्रति एक प्वाइंट पर 1.37 रुपये का मूल्य दिया जाएगा। केंद्र सरकार से निर्धारित यह मूल्य सभी राज्यों पर समान रूप से लागू होगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 25 जून, 09 को न्यूनतम वैधानिक मूल्य [एसएमपी] 107.76 रुपये प्रति क्िवटल घोषित किया था, जो अब नए मूल्य की घोषणा के साथ ही समाप्त हो जाएगा।
नई मूल्य प्रणाली से राज्य सरकारों पर भी राज्य समर्थित मूल्य [एसएपी] के नाम पर बेहिसाब गन्ने का मूल्य बढ़ाने पर परोक्ष रूप से बंदिश लग जाएगी। वहीं इस प्रणाली का सबसे अधिक फायदा चीनी मिलों को होगा। और इसका तत्काल फायदा केंद्र सरकार को, जो शीर्ष अदालत में अपनी नीतियों के चलते फंसी हुई है। तथ्य यह है कि लेवी चीनी मूल्य की दर को लेकर शुरू हुआ विवाद यहां तक पहुंचा है। अब इस फैसले से राशन की चीनी के दाम भी खुद-ब-खुद बढ़ जाएंगे।
वहीं दूसरी ओर धान किसानों के लिए खुशखबरी है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य [एमएसपी] पर बोनस घोषित करने की उनकी मांग को सरकार ने मान लिया है। अब धान की सरकारी खरीद बढ़े हुए बोनस के साथ होगी। यानी, सामान्य धान 950 रुपये की जगह 1000 रुपये और ग्रेड ए धान 980 रुपये से बढ़कर 1030 रुपये प्रति क्िवटल पर पहुंच जाएगा। खरीदे जा चुके धान पर भी किसानों को बोनस की राशि का भुगतान किया जाएगा। (जागरण)
31 अक्टूबर 2009
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