27 अक्तूबर 2009
जिंक की विदेशी तेजी के फंडामेंटल्स पर सवाल
चीन में जिंक का आयात सितंबर में तेजी से बढ़ा है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि बढ़ते आयात से पता चलता है कि जिंक की मांग तेजी से बढ़ रही है। मालूम हो कि अगस्त के दौरान चीन में बेसमेटल्स का आयात 17 फीसदी बढ़ा था। शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज और लंदन मेटल एक्सचेंज में जिंक के बढ़ते स्टॉक से यह सवाल उठता है कि क्या जिंक के फंडामेंटल जिंक के भावों में तेजी का समर्थन करते हैं। लंदन में मई 2008 और शंघाई में जुलाई 2008 के बाद से इतनी तेजी नहीं देखी गई थी। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर में जिंक का आयात 35,652 टन रहा है जो गत वर्ष सितंबर के मुकाबले 4।8 फीसदी ज्यादा है। अगस्त के 30,516 टन आयात से भी सितंबर में ज्यादा रहा है। वहीं, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि आयात में बढ़ोतरी पूरी तरह से मांग आधारित नहीं है। सितंबर में आयात में बढ़ोतरी इस वर्ष की शुरूआत में ट्रेडिंग हाउसों, वितरकों और निर्माताओं द्वारा जारी किए गए ऑर्डरों का परिणाम है। विश्लेषकों के मुताबिक लंदन मेटल एक्सचेंज और शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज के बीच कीमतों में भारी अंतर के कारण ये ऑर्डर किए गए थे।शंघाई नॉन फेरस मेटल्स नेटवर्क के मुताबिक चीन के गोदामों में जिंक का स्टॉक शुक्रवार तक 3,66,000 टन था। शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज में जिंक का भंडार फिलहाल 1,17,706 टन है। जिंक में तेजी पर जो सवाल फिलहाल उठ रहे हैं, वे सवाल एक महीने पहले कॉपर पर भी उठ चुके हैं। चीन ने सितंबर के दौरान 2,82,828 टन रिफाइंड कॉपर का आयात किया जो गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 152 फीसदी ज्यादा है। (बिज़नस भास्कर)
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