मुंबई October 20, 2009
देश के अग्रणी कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स ने दीवाली के मौके पर अपने कारोबारियों और सहभागियों को तोहफा देते हुए कारोबार शुल्क (ट्रांजैक्शन फीस) में 50 प्रतिशत तक की कटौती की है।
शुल्क में कटौती होने से कारोबारियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। जानकारों का कहना है कि दूसरे एक्सचेंज भी अपने कारोबार शुल्क में जल्द ही कमी की घोषणा कर सकते हैं। जिंस सौदा करने वाले सदस्यों को जिंसों के सभी वायदा में दैनिक कारोबार के आधार पर कारोबार शुल्क एक्सचेंज को चुकाना पड़ता है।
एक्सचेंज प्रति लाख रुपये पर फीस वसूलता है। इस फीस में कृषि जिंसों के कारोबार में अग्रणी कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स ने अप्रैल 2007 में और प्लांटेशन वाले जिंसों के कामकाज के लिए मशहूर एनएमसीई ने अक्टूबर 2008 में एवं एनर्जी व मेटल के कारोबार के लिए अग्रणी एक्सचेंज एमसीएक्स ने नवंबर 2008 में संशोधन किया था।
एमसीएक्स के एक परिपत्र के अनुसार 250 करोड़ रुपये के दैनिक कारोबार पर अब प्रति लाख रुपये 2.50 रुपये कारोबार शुल्क, 250 करोड़ रुपये से 1000 करोड़ रुपये तक प्रति लाख रुपये 1.25 रुपये कारोबार शुल्क और 1000 करोड रुपये से ऊपर प्रति लाख एक रुपये कारोबार शुल्क का भुगतान करना होगा। इन चार्जों को 2 नवंबर से लागू किया जाएगा।
पिछले साल दीवाली के मौके पर एमसीएक्स में 20 करोड़ रुपये तक प्रति लाख 4 रुपये, 20 से 100 करोड़ रुपये पर प्रति लाख 3 रुपये, 100 से 200 करोड़ रुपये पर प्रति लाख 2 रुपये और 300 करोड़ से ऊपर प्रति लाख एक रुपये कारोबार शुल्क लागू किया गया था।
एनएमसीई के परिपत्र (0045) 18 अक्तूबर 2008 के अनुसार ये चार्जेस 20 करोड़ रुपये तक प्रति लाख 4 रुपये, 20 से 100 करोड़ रुपये तक प्रति लाख 3 रुपये, 100 से 200 करोड़ रुपये तक प्रति लाख 2 रुपये और 200 करोड़ रुपये से उपर प्रति लाख 1 रुपये ट्रांजैक्शन चार्ज वसूले जाते हैं।
एनसीडीईएक्स ने 11 अप्रैल, 2007 को एक परिपत्र (032) जारी करके ट्रांजैक्शन फीस का ऐलान किया था। उसके बाद आज तक इस संदर्भ में कोई नया परिपत्र जारी नहीं हुआ है। उक्त परिपत्र के अनुसार 20 करोड़ रुपये तक के सौदे पर प्रति लाख 4 रुपये, 20 करोड़ से 50 करोड़ पर प्रति लाख 3 रुपये, 50 करोड़ से 125 करोड़ रुपये पर प्रति लाख 2 रुपये और 125 करोड़ रुपये से उपर प्रति लाख 1 रुपये आज भी वसूला जाता है।
एमसीएक्स के कारोबार शुल्क में कटौती किए जाने पर एंजेल ब्रोकिंग के कमोडिटी रिसर्च हेड अमर सिंह कहते हैं कि कारोबार शुल्क में 50 प्रतिशत तक की कटौती उल्लेखनीय है इसका फायदा कमोडिटी में सौदा करने वाले लाखों कारोबारियों को मिलेगा। अपने ग्राहकों को रोकने के लिए दूसरे एक्सचेंज भी ट्रांजेक्शन फीस में कटौती कर सकते हैं।
एमसीएक्स के अधिकारियों के अनुसार एमसीएक्स अपने विकास के लाभ को अपने सदस्यों और कमोडिटी बाजार के कारोबारियों तक हर साल पहुंचाता है। वर्तमान दौर में जिंसों के मूल्यों में घटबढ़ से हेजिंग के खर्च निर्धारित होते हैं।
नई कटौती से हेजिंग के खर्च कम होंगे और जोखिम से बचने के लिए हेज को प्रोत्साहन मिलेगा। अक्सर देखा जाता है कि वायदा में कारोबार शुल्क कम किए जाने से नए कारोबारी बाजार में आते हैं। इससे न केवल एमसीएक्स के सदस्यों, बल्कि कमोडिटी जगत के ब्रोकरों को भी फायदा होगा। (बीएस हिन्दी)
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