नई दिल्ली October 19, 2009
आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में तेजी को लेकर जारी चिंता के बीच सोमवार को सरकार ने भरोसा दिलाया कि वह चावल, गेहूं, चीनी और जरूरी जिंसों की उचित कीमत और पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में यहां मूल्य पर मंत्रिमंडल समिति (सीसीपी) की बैठक में कीमतों की विस्तार से समीक्षा की गई तथा गेहूं, चावल तथा चीनी जैसी आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता पर चर्चा की गई। बैठक के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने सीसीपी की बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सरकार को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति उचित कीमत पर करने को लेकर पूरा भरोसा है। शर्मा ने बताया कि खाद्य एवं कृषि मंत्री को स्थिति पर विस्तृत जानकारी देने को कहा गया है। उन्होंने कहा, 'सरकार कीमतों पर नियमित आधार पर निगाह रखे हुए है।'
फिलहाल खुदरा बाजार में चीनी का भाव 30 से 32 रुपये प्रति किलो है। पिछले एक साल में चीनी की कीमतें दोगुनी हो चुकी हैं। वहीं गेहूं का भाव 13 रुपये प्रति किलो तथा चावल औसतन 16 से 20 रुपये प्रति किलो के बीच बिक रहा है। हाल के महीनों में दूध, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है।
सरकार जनवितरण प्रणाली तथा आपात स्थिति में वितरण के लिए खाद्यान्न का बफर स्टाक रखती है। एक अक्टूबर, 2009 की स्थिति के अनुसार, सरकार के पास 153.49 लाख टन चावल तथा 284.57 लाख टन गेहूं का भंडार था। नियमानुसार हर साल 1 अक्टूबर को सरकार के पास 52 लाख टन चावल तथा 110 लाख टन गेहूं का भंडार होना आवश्यक है। इस तरह सरकार के केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का भंडार बफर स्टाक नियमों से चार गुना है।
जहां तक चीनी का मामला है, देश में इस समय चीनी की कमी है और इसे आयात के जरिए पूरा किया जा रहा है। चालू सत्र में चीनी का उत्पादन 160 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि इस दौरान मांग करीब 230 से 240 लाख टन के बीच रहेगी। (बीएस हिन्दी)
20 अक्तूबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें