मुंबई October 20, 2009
खरीफ में ग्वारसीड की फसल कम होने के कारण दिसंबर तक इसकी कीमतों में 25 फीसदी का इजाफा हो सकता है।
पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले ग्वारसीड की कीमतों में पिछले एक महीने के दौरान 10 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। फिलहाल इसकी कीमत 2300 रुपये प्रति क्विंटल है। देश में इसका उत्पादन राजस्थान में किया जाता है।
बारिश पर निर्भर रहने वाली इस फसल में 75 फीसदी गिरावट आने की आशंका है। इस साल बुआई के समय औसत से कम बारिश होने के कारण सिर्फ 20-25 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी का वजन 100 किलो) फसल ही होने का अनुमान है। जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 80-90 लाख बोरी का था।
जोधपुर के एक ग्वारसीड कारोबारी पुरुषोत्तम मुंद्रा ने बताया, 'जून में खराब मॉनसून के कारण श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और हरियाणा में बुआई 60 फीसदी कम हुई। ये शहर ग्वारसीड उत्पादन के गढ़ माने जाते हैं। जुलाई में मॉनसून कुछ बेहतर तो हुआ लेकिन तब तक बुआई हो चुकी थी। इसके बाद गर्म हवाओं ने फसल को और खराब कर दिया।'
भारत में इस साल ग्वारसीड की आपूर्ति में 10 लाख बोरी की कमी होने की आशंका है। इससे इसकी कीमतों में इजाफा होना लाजिमी है। साल 2002 में ग्वारसीड के दाम 3300 रुपये प्रति क्विंटल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए थे। (बी स हिन्दी)
22 अक्तूबर 2009
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