कोच्चि October 26, 2009
दीपावली के बाद काली मिर्च अचानक तीखी हो चली है। अचानक बढ़ी मांग से कीमतों को लेकर अफरातफरी का माहौल है।
एमजी-1 ग्रेड की काली मिर्च की कीमतें सोमवार को बढ़कर 3275 डॉलर प्रति टन हो गईं, जो पिछले सोमवार की तुलना में 175 डॉलर ज्यादा है। इसकी प्रमुख वजह स्थानीय मांग है।
दिलचस्प है कि भारत की काली मिर्च की कीमतें वैश्विक कीमतों की तुलना में बहुत ज्यादा हैं, जिसके चलते कीमतों पर विदेशी बाजार का असर नहीं है। स्थानीय मांग से अफरातफरी पैदा हुई है। हालत यह है कि वायदा बाजार में भी पिछले 4 सत्र से कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।
कोच्चि के प्रमुख कारोबारियों का कहना है कि जाड़े का असर भी मांग पर पड़ा है और इसके लिए स्टॉक बनाने के लिए खरीदारी तेज हुई है। मांग के लिहाज से काली मिर्च के लिए आगामी 4 महीने बहुत व्यस्त मौसम है, जब स्थानीय बाजार में कम से कम 10,000 टन काली मिर्च की जरूरत होगी। इसे देखते हुए कीमतों में बढ़ोतरी में तेजी आते ही कारोबारियों ने खरीदारी तेज कर दी है।
साथ ही इंडोनेशिया और वियतनाम में भारी बारिश और हरीकेन के चलते फसल खराब होने की खबर ने कीमतों को और बल प्रदान किया है। भारत में कीमतों में हुई बढ़ोतरी का असर वियतनाम के काली मिर्च बाजार पर पड़ा है और वहां कीमतें पिछले सप्ताह की तुलना में 150 डॉलर बढ़कर 3200 डॉलर प्रति टन हो गई हैं।
वहां कीमतों में हुई बढ़ोतरी की वजह अमेरिका में काली मिर्च की बढ़ी मांग है। वियतनाम में काली मिर्च की उपलब्धता को लेकर भी तरह तरह की खबरें आ रही हैं और इन रिपोर्टों में स्टॉक 2500 से 20,000 टन तक दिखाया जा रहा है।
वियतनाम में जानकार सूत्रों के मुताबिक हाल में आए तूफान का प्रभाव बहुत ज्यादा नहीं रहा है और फसलों को नुकसान 5,000 टन तक हो सकता है। जानकारों के मुताबिक काली मिर्च का वर्तमान वैश्विक स्टॉक दिसंबर तक खत्म हो सकता है। इसकी वजह से नए साल की शुरुआत में आपूर्ति कमजोर रहने की उम्मीद है।
वियतनाम में अगले साल फरवरी तक ही नई फसल आएगी। इसे देखते हुए विदेशी खरीदार, खासकर अमेरिकी खरीदार काली मिर्च का स्टॉक जमा कर रहे हैं। साथ ही वे इंडोनेशिया और ब्राजील से भी सौदे कर रहे हैं, जो कम दाम पर माल दे रहे हैं।
इंडोनेशिया में एएसटीए ग्रेड के काली मिर्च की कीमतें 3050 डॉलर प्रति टन हैं और ब्राजील में भी कीमतें पिछले 2 सप्ताह के दौरान 2850 डॉलर प्रति टन पर स्थिर हैं। यहां तक कि ब्राजील की मुद्रा में 6 प्रतिशत की मजबूती का असर भी कीमतों पर नहीं पड़ा है और वे मांग को देखते हुए वैश्विक बाजार में स्थिति मजबूत करने की कोशिश में लगे हैं। (बीएस हिन्दी)
27 अक्तूबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें