23 अक्तूबर 2009
स्टार्च और पोल्ट्री की मांग से मक्का में तेजी का रुख
स्टार्च और पोल्ट्री निर्माताओं की मांग से मक्का में तेजी का रुख बना हुआ है। उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पैदावार घटने से उत्तर भारत के स्टॉर्च और पोल्ट्री व्यवसायी मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश से खरीद कर रहे हैं। नवंबर महीने में कर्नाटक में नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी, साथ ही महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी आवक बढ़ेगी। लेकिन कुल उत्पादन में कमी की आने की आशंका से मक्का में तेजी की संभावना है। आंध्र प्रदेश की निजामाबाद मंडी के मक्का व्यापारी पूनम चंद गुप्ता ने बताया कि आंध्र प्रदेश की मंडियों में मक्का की दैनिक आवक बढ़कर 40 हजार बोरियों की हो गई है लेकिन घरेलू और उत्तर भारत की मांग से भाव सुधरकर 890 रुपये प्रति क्विंटल (बिल्टी कट) हो गए हैं। दिल्ली पहुंच मक्का के सौदे 1060-1070 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं। पिछले दस दिनों में आंध्र प्रदेश से दिल्ली के लिए मक्का के दो रैक के सौदे हुए हैं। मध्य प्रदेश की इंदौर लाइन से भी दिल्ली के लिए अच्छे सौदे हो रहे हैं।जून-जुलाई और अगस्त महीने के मध्य तक बारिश की कमी से आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मक्का की बुवाई में कमी आई थी। जबकि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में बाढ़ से फसल को नुकसान हुआ है। मैसर्स गोपाल ट्रेडिंग कंपनी के राजेश अग्रवाल ने बताया कि नवंबर महीने में कर्नाटक में नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी। लेकिन कुल उत्पादन में कमी की आशंका से भाव में गिरावट की संभावना नहीं है। महाराष्ट्र की मंडियों में मक्का की दैनिक आवक बढ़कर 18-20 हजार बोरियों की हो गई है लेकिन स्टार्च मिलों की अच्छी मांग से मक्का के भाव बढ़कर 880-900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।अमेरिकी ग्रेन काउंसिल में भारत के प्रतिनिधि अमित सचदेव ने बताया कि अभी तक केंद्र सरकार खरीफ फसलों के उत्पादन के अनुमान जारी नहीं किये हैं लेकिन प्रतिकूल मौसम का प्रभाव मक्का की फसल पर पड़ा है। इसीलिए उत्पादक मंडियों में मक्का के भाव पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले करीब 10 फीसदी तेज हैं। हाजिर बाजार तेज होने के कारण ही वायदा में भी तेजी देखी जा रही है। एनसीडीईएक्स पर दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध के भाव गुरुवार को 19 रुपये बढ़कर 964 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। नवंबर महीने में लगभग सभी उत्पादक राज्यों की मंडियों में आवक का दबाव बन जाएगा लेकिन स्टार्च और पोल्ट्री फीड निर्माताओं की मांग से मौजूदा भावों में ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मक्का के भाव बढ़ रहे हैं। पिछले दो दिनों में रुपये के मुकाबले डॉलर सुधरा है। अगर रुपये के मुकाबले डॉलर और मजबूत होता है तो आगामी दिनों में भारत से निर्यात मांग बढ़ने की संभावना भी है।rana@businessbhaskar।net (बिज़नस भास्कर)
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