23 अक्तूबर 2009
प्रीमियम खाद्य तेल के निर्यात की योजना
नवंबर से शुरू होने वाले नए मार्केटिंग वर्ष 2009-10 के दौरान देश से 10 हजार टन खाद्य तेल निर्यात की इजाजत देने की योजना बनाई जा रही है। खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि देश की निजी कंपनियों को खाद्य तेल के पांच किलोग्राम के ब्रांडेड पैक निर्यात करने की इजाजत दी जा सकती है। विश्व के सबसे बड़े खाद्य तेल आयातकों में से एक भारत ने महंगे खाद्य तेलों का निर्यात जारी रखा हुआ है लेकिन यह निर्यात नियंत्रण के तहत है। ज्यादातर सस्ते खाद्य तेलों की देश में खपत रहती है। अधिकारी ने बताया कि यह प्रस्ताव जल्द ही मंजूरी के लिए अंतरमंत्रालयीय समिति के सामने रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि देश से उतने ही खाद्य तेल के निर्यात की इजाजत होगी, जितने तेल के निर्यात की इजाजत इस महीने खत्म होने वाले मार्केटिंग वर्ष 2008-09 में थी। इस वर्ष 85,00 टन का निर्यात किया जा चुका है और बाकी इस महीने के अंत तक किए जाने की संभावना है। पिछले महीने ही केंद्र सरकार ने ब्रांडेड कंज्यूमर पैक में खाद्य तेल के निर्यात की समय सीमा 31 अक्टूबर से बढ़ाकर सितंबर 2010 कर दी थी। हालांकि सरकार ने यह घोषणा नहीं की थी कि नए विपणन वर्ष में कितना खाद्य तेल निर्यात किया जाएगा। सोल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बी। वी. मेहता ने कहा कि निर्यात से खाद्य तेलों की घरेलू उपलब्धता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन इससे किसानों को तिलहन का अच्छा भाव मिल पाएगा क्योंकि प्रीमियम खाद्य तेलों का निर्यात होगा। उन्होंने कहा कि कंज्यूमर पैक्स का निर्यात मुख्य रूप से विदेशों में रहने वाले भारतीयों को किया जाएगा। भारत प्रमुख रूप से सरसों, नारियल और मूंगफली का तेल अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोप व अन्य देशों को करता है। भारत की खाद्य तेल की वार्षिक खपत करीब 150 लाख टन है और इसका आधे से भी ज्यादा आयात वह मलेशिया और इंडोनेशिया से करता है। (बिज़नस भास्कर)
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