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23 अक्टूबर 2009

कमोडिटी एक्सचेंजों के कारोबार में शानदार बढ़ोतरी

मुंबई : कृषि उत्पादों, एनर्जी और बेस मेटल के दम पर देश के कमोडिटी एक्सचेंजों के कारोबार में अच्छी खासी तेजी दर्ज की गई है। बाजार नियामक फॉरवर्ड मार्केट कमीशन (एफएमसी) के ताजा आंकड़ों मुताबिक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश के कमोडिटी एक्सचेंजों का कारोबार 30 फीसदी की रफ्तार से बढ़ा है। इसी के साथ पहली छमाही में कमोडिटी एक्सचेंजों का कारोबार 33।63 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। एफएमसी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में राष्ट्रीय स्तर के तीनों बाजारों सहित 21 कमोडिटी एक्सचेंज शामिल हैं। एग्री ट्रेडिंग की वैल्यू 61 फीसदी बढ़कर 5.26 लाख करोड़ रुपए हो गई है। इससे नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) और अहमदाबाद के नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) के औसत दैनिक कारोबार में अच्छी बढ़ोतरी हुई
एनसीडीईएक्स का दैनिक कारोबार वित्त वर्ष 2009 की पहली छमाही में 2,048 करोड़ रुपए था जो वित्त वर्ष 2010 की पहली छमाही में बढ़कर 2,621 करोड़ रुपए हो गया है। इस दौरान एनएमसीई का कारोबार शानदार 518 फीसदी की तेजी के साथ 1,280।5 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया। एक्सचेंज के अधिकारियों के मुताबिक आलू, सोया ऑयल, रबड़ और चना के दोबारा दोबारा सूचीबद्ध होने से एग्री उत्पादों का वॉल्यूम बढ़ गया है। खराब मानसून से कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण पिछले साल मई में इन चारों एग्री उत्पादों की ट्रेडिंग पर रोक लगा दी गई थी। एनएमसीई के सीईओ अनिल मिश्रा ने कहा, 'पिछले साल इन चारों कमोडिटी में कारोबार नहीं हो रहा था। इसीलिए हम लोग जीरो बेस से वृद्धि दर देख रहे हैं।' देश के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स का दैनिक कारोबार अप्रैल-सितंबर 2009 के बीच साल दर साल के आधार पर 29 फीसदी बढ़कर 18,534.49 करोड़ रुपए रहा। बाजार के एक विश्लेषक के मुताबिक बेस मेटल और एनर्जी में ज्यादा उतार चढ़ाव के कारण कारोबार में उछाल आया है। (ई टी हिन्दी)

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