28 अक्तूबर 2009
बुवाई में देरी की संभावना के बावजूद गेहूं उत्पादन लक्ष्य बढ़ा
धान और गन्ने की कटाई में देरी के कारण बुवाई लेट होने की संभावना के बावजूद सरकार ने अगले रबी ज्यादा में ज्यादा गेहूं उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। कृषि सचिव टी. नंदकुमार के अनुसार अगले वर्ष 2009-10 में 820 लाख टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि सितंबर महीने में देर तक हुई बारिश से गेहूं की बुवाई बढ़ेगी। वर्ष 2008-09 में देश में गेहूं उत्पादन रिकार्ड स्तर पर 805 लाख टन रहा था।कमोडिटी विशेषज्ञ अभय लाखवान ने बताया कि सितंबर महीने में देर तक हुई बारिश से धान की कटाई सामान्य से 10-15 दिन देर से शुरू हुई। पहली नवंबर से गेहूं की बुवाई शुरू हो जाती है। लेकिन अभी तक सिर्फ 20-25 फीसदी धान की कटाई हुई है। उत्तर प्रदेश जो गेहूं उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है, में चीनी मिलों ने अभी गन्ने की पेराई शुरू नहीं की है। इससे वहां भी गेहूं बुवाई के लिए खेत खाली नहीं हो पाएंगे। उम्मीद है कि गन्ने की पेराई नवंबर महीने के मध्य में शुरू होगी। ऐसे में गेहूं की बुवाई में भी देरी होने की आशंका है। गेहूं व्यापारी कमलेश जैन ने बताया कि उत्पादक मंडियों में गेहूं की आवक कम होने से पिछले दस दिनों में इसकी कीमतों में करीब 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। दिल्ली थोक बाजार में मंगलवार को गेहूं के भाव 1305-1310 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए जबकि आवक करीब 8,000-9,000 क्विंटल की रही। सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना के तहत अक्टूबर से दिसंबर तक पांच लाख गेहूं जारी करने का फैसला किया है लेकिन अभी तक भाव तय नहीं किए हैं। टी नंदकुमार ने कहा कि गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फैसला अगले दो सप्ताह में हो जाएगा। वर्ष 2008-09 में गेहूं का एमएसपी 1080 रुपये प्रति क्विंटल था। वर्ष 2008-09 में केंद्र सरकार ने एमएसपी पर गेहूं की रिकार्ड 252 लाख टन की खरीद की थी। उन्होंने माना कि प्रतिकूल मौसम से वर्ष 2009-10 में देश में खाद्यान्न उत्पादन में कमी आएगी क्योंकि भारत में 60 फीसदी खेती वर्षा पर आधारित है। जबकि इस साल बारिश काफी कम हुई है। कई राज्यों में अगस्त के मध्य तक बारिश न होने से धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है। वर्ष 2009-10 में देश में धान के उत्पादन में 150-160 लाख टन की कमी आने की संभावना है। जबकि वर्ष 2008-09 खरीफ सीजन में देश में धान की पैदावार 845 लाख टन की हुई थी। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)
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