लखनऊ November 01, 2009
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की कीमत को लेकर चल रहा विरोध अपने चरम पर पहुंच गया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां किसान कच्ची चीनी से लदी मालगाड़ी पर कब्जा कर रहे है हैं वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में किसान चीनी से भरे ट्रक को आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं। सीतापुर में किसान राशन की चीनी ले जारे ट्रक को रोक कर बैठ गए हैं। बहराइच में किसानों ने रविवार को दो बैलगाड़ियों में भरे गन्ने को जला कर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने शामली रेलवे स्टेशन पर आयातित चीनी से लदी एक मालगाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया। उन्होंने मालगाड़ी से चीनी उतारने से जबरन रोक दिया है और मालगाड़ी वापस नहीं लौटाने की स्थिति में चीनी में आग लगा देने की धमकी दी है। किसानों ने कच्ची चीनी से भरे ट्रक और मालगाडियां फूंकने का ऐलान पहले ही कर दिया था।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि किसान ब्राजील से चीनी आयात करने के फैसले का विरोध कर रहे हैं। उधर, सहारनपुर के जिलाधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि एक किसान अपने खेत में आग लगाने के बाद खुद ही उसमें कूद गया। इसके अलावा मुजफ्फरनगर और आस-पास के जिलों के किसानों द्वारा कई बीघा गन्ने की खड़ी फसल जला देने की सूचना है।
किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत ने केंद्र की मनमोहन सरकार पर किसानों के हितों की अनदेखी किए जाने का आरोप मढ़ दिया है। उनका कहना है कि न्यूनतम दाम 129.40 रुपये प्रति क्विंटल बांध कर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खुद ही किसानों के हितों को चोट पहुंचा दी है। केंद्र और राज्य सरकार के रुख से खफा महेंद्र सिंह टिकैत ने अब गन्ना मामले पर सिंह से मिलने का मन बनाया है।
उनका कहना है कि इस बार सूखे के चलते किसानों के लिए गन्ने की लागत बढ़कर ज्यादा हो गयी है और दूसरी ओर चीनी मिलों को चीनी के उत्पादन पर दोगुना फायदा हो रहा है। समूचे सूबे में चल रहे किसानों के आंदोलन से अब विपक्षी पार्टियां भी अछूती नहीं रही हैं।
जहां राष्ट्रीय लोकदल भारतीय किसान यूनियन के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चलाए जा रहे आंदोलन में खुल कर शामिल है वहीं मथुरा में छोटे चौधरी जयंत माया सरकार के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बजा चुके हैं। जयंत ने अब लोकदल के गन्ना किसान आंदोलन को पूरे सूबे में छेड़ देने का ऐलान किया है।
कांग्रेस जिसके पाले में गेंद फेंक कर माया सरकार ने किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था, ने जनपद बलरामपुर और बहराइच में आंदोलन की शुरुआत की है। युवक कांग्रेस के प्रांतीय महासचिव वी के सिंह एडवोकेट ने जनपद बलरामपुर में किसानों को सरकार की ओर से तय दाम पर गन्ना सप्लाई न करने का आग्रह किया है।
उनका कहना है कि मिलों को हर हाल में गन्ना 280 रुपये प्रति क्विंटल के दाम से ही दिया जाएगा। किसान इससे कम कीमत पर मानने वाले नहीं हैं। (बीएस हिन्दी)
02 नवंबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें