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07 अक्तूबर 2009

भारत का कपास निर्यात रहा 65फीसदी कम

हाल में समाप्त हुए वर्ष 2008-09 के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन के भाव घरेलू मूल्य से कम कहने की वजह से भारतीय कपास की मांग हल्की रही। इस कारण देश से मात्र 31.01 लाख गांठ कपास का निर्यात हो सका जो पिछले वर्ष 2007-08 के मुकाबले 65 फीसदी कम है। हालांकि सितंबर के दौरान विश्व बाजार में भाव निर्यातकों के अनुकूल हो गए। इससे अगस्त के मुकाबले सितंबर महीने में कॉटन के निर्यात सौदों में 75 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। टैक्सटाइल कमिश्नर आफिस के सूत्रों के अनुसार सितंबर महीने में 4,24,506 गांठ (एक गांठ 170 किलो) के निर्यात सौदे हुई है जबकि अगस्त महीने में 2,41,517 गांठ के निर्यात सौदे हुए थे। घरेलू मंडियों में कपास की दैनिक आवक ज्यादा होने लगी थी लेकिन कई राज्यों में बारिश और बाढ़ से अब आवक प्रभावित होने की आशंका है। अंतरराष्ट्रीय मांग में बढ़ोतरी होने से चालू सीजन में देश से कॉटन निर्यात में बढ़ोतरी की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार टैक्सटाइल कमिश्नर के आफिस में सितंबर महीने में कॉटन निर्यात के लिए 4,24,506 गांठ के सौदे पंजीकृत हुए हैं तथा इसमें से 56,630 गांठ की शिपमेंट हुई हैं। जबकि अगस्त महीने में 2,41,517 गांठ के सौदे पंजीकृत हुए थे तथा 1,18,115 गांठ की शिपमेंट हुई थी।उद्योग सूत्रों के अनुसार वर्ष 2009-10 में भारत से 65 लाख गांठ निर्यात होने की संभावना है जबकि हाल में समाप्त हुए वर्ष 2008-09 में मात्र 31.01 लाख गांठ की ही शिपमेंट हुई थी। वर्ष 2007-08 में देश से 88.50 लाख गांठ कॉटन का निर्यात हुआ था। इस तरह 2008-09 के दौरान कॉटन का निर्यात 65 फीसदी गिर गया।अबोहर स्थित मैसर्स कमल कॉटन ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर राकेश राठी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन की कीमतों में पिछले एक सप्ताह में करीब 1.34 फीसदी की गिरावट आई है। न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में कॉटन के अक्टूबर वायदा अनुबंध के भाव 25 सितंबर को 60.60 सेंट प्रति पाउंड थे जबकि दो अक्टूबर को इसके भाव घटकर 59.26 सेंट प्रति पाउंड रह गए।उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की मंडियों में नई फसल की आवक बढ़कर सोमवार को 17,000 गांठ की हुई। पंजाब और हरियाणा में कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कॉटन की खरीद शुरू कर दी है। दक्षिण भारत के कर्नाटक और आंध्र प्रदेश तथा महाराष्ट्र में बारिश और बाढ़ से कपास की फसल को नुकसान होने की आशंका है। गुजरात की मंडियों में कपास की दैनिक आवक 18,000 गांठ और शंकर-6 किस्म की कपास के भाव 22,800- 22,900 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी 356 किलो) बोले गए। मौसम खराब होने से कपास की दैनिक आवक प्रभावित होने की आशंका है। (बिज़नस भास्कर)

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