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03 अक्तूबर 2009

मलीहाबादी दशहरी आम को मिला जीआई पेटेंट

उत्तर प्रदेश के लखनऊ क्षेत्र में पैदा होने वाले मलीहाबादी दशहरी आम का स्वाद अब किसानों के लिए और भी मीठा होगा। बनारसी साड़ी, पुनेरी पगड़ी, तिरुपति के लड्डू और दार्जीलिंग की चाय के बाद अब मलीहाबादी दशहरी आम भौगोलिक विशिष्टता अधिकार हासिल करने में सफल रहा है। नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड (एनएचबी) के मैनेजिंग डायरेक्टर बिजय कुमार ने शुक्रवार को बताया कि आम की मलीहाबादी दशहरी किस्म का 11 सितंबर को जीयोग्राफीकल इंडीकेशन (जीआई) रजिस्ट्रेशन किया गया है। इससे दशहरी आम की इस किस्म का उत्पादन करने वाले किसानों को उनकी पैदावार की बेहतर कीमत मिल सकेगी। एनएचबी ने चेन्नई स्थित जीयोग्रॉफीकल इंडिकेशन रजिस्ट्री के लिए अक्टूबर 2008 में आवेदन किया था और आम की इस वैरायटी के लिए एक्सक्लूसिव अधिकार हासिल करने में कामयाब रहा। जीआई एक बौद्धिक संपदा अधिकार है जो दूसरों को समान नाम से अपना प्रॉडक्ट बेचने से रोकता है।मौजूदा समय में देश के विभिन्न हिस्सों के किसान आम की मलीहाबादी दशहरी किस्म की लोकप्रियता का फायदा उठाकर अपने दशहरी आम इस नाम से बेच रहे हैं। पिछले वर्ष दिसंबर में कृषि मंत्री शरद पवार ने एनएचबी से कहा था कि आम की इस विश्व प्रसिद्ध किस्म का जीआई रजिस्ट्रेशन करवाया जाए। विशेष अधिकार मिल जाने से अन्य उत्पादक अपने आम मलीहाबादी ब्रांड के नाम पर नहीं बेच पाएंगे। मलीहाबादी दशहरी पैदा करने वाले किसानों को नया बाजार मिल सकेगा। ऐसे में मलीहाबादी दशहरी आम की पैदावार करने वाले किसानों को उनकी उपज के अच्छे दाम मिल पाएंगे।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मलीहाबादी दशहरी आम करीब 6,253 हैक्टेयर में उगाए जाते हैं और 95,658.39 टन उत्पादन होता है। पूरे देश में आम करीब 2,20,140 हैक्टेयर में बोया जाता है और इसका उत्पादन लगभग 139.96 लाख टन रहता है। (बिज़नस भास्कर)

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