कुल पेज दृश्य

05 अक्तूबर 2009

दालों में फिर शुरू हुआ उबाल

नई दिल्ली : त्योहारों के नजदीक आने के साथ ही खाने-पीने के सामानों में तेजी का सिलसिला बना हुआ है। खासतौर पर अगर दालों की बात की जाए तो इनकी कीमतें आसमान पर पहुंचने लगी हैं। पिछले एक हफ्ते में ही तूर, मूंग और उड़द की कीमतों में खासी तेजी दर्ज की गई है। दालों की थोक कीमतों में इस दौरान 850 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आई है। तूर दाल की थोक कीमतों में इस दौरान 300 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आई है और तूर दाल चढ़कर 7,900 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गई है। दिल्ली व्यापार महासंघ के चेयरमैन ओम प्रकाश जैन के मुताबिक, 'सबसे ज्यादा तेजी मूंग की दाल में आई है। दालों में तेजी आने की कई वजहें हैं। एक तो त्योहारों की वजह से मांग में उछाल आ रहा है। दूसरी ओर उत्पादक इलाकों से सप्लाई में कमी आ रही है। पिछले 10-15 दिनों में दालों की सप्लाई 15 से 20 फीसदी तक गिरी है।' जैन बताते हैं, 'जिस तरह की स्थितियां बनी हुई हैं उनमें दालों की कीमतों में फरवरी से पहले गिरावट आने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।'
पिछले एक हफ्ते में मूंग के थोक भाव में 850 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आई है और यह चढ़कर 6,200 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गई है। मूंग की तरह ही काली उड़द भी 700 रुपए चढ़कर 4,800 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गई है। मसूर, मोठ और काबुली चने की कीमतें भी पिछले कुछ दिनों में ऊपर चढ़ी हैं। कारोबारी दालों की कीमतों में आई इस अचानक तेजी को सट्टेबाजी का नतीजा बता रहे हैं। कारोबारियों का कहना है कि खरीफ सीजन की दालों की नई फसल आने के बावजूद दालों की कीमतों में होने वाला इजाफा चौंकाने वाला है। राजधानी ग्रुप के प्रबंध निदेशक एस के जैन के मुताबिक, 'बाजार पूरी तरह से सट्टेबाजी पर चल रहा है। नहीं तो ऐसा कोई भी कारण नहीं है कि दालों में इस तरह की तेजी दर्ज की जाए।' दालों के थोक भाव में आई तेजी का असर सीधे तौर पर इनकी खुदरा कीमतों पर पड़ा है। इस साल की शुरुआत से ही दालों की कीमतों में कायम तेजी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पहले अपने सर्किल कार्यालयों पर और बाद में मदर डेयरी के आउटलेटों पर सस्ती दर पर दालें बेचने का फैसला लिया है। मदर डेयरी के आउटलेटों पर दाल बिक्री की योजना में शामिल कारोबारी सूत्रों ने बताया कि अगर दालों की कीमतों में तेजी जारी रहती है तो उन्हें इन आउटलेटों पर बेची जा रही दाल की कीमतों को बढ़ाना पड़ सकता है (बीएस हिन्दी)

कोई टिप्पणी नहीं: