03 अक्तूबर 2009
काली मिर्च की निर्यात मांग में बढ़ोतरी संभव
वियतनाम और इंडोनेशिया में स्टॉक कमजोर होने के कारण आगामी दिनों में भारत से काली मिर्च की निर्यात मांग बढ़ने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में काली मिर्च के भाव 2,950-3,050 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) चल रहे हैं। जबकि कोच्चि में काली मिर्च (एमजी वन) के भाव 14,500 रुपये प्रति क्विंटल हैं। विश्व स्तर पर आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है तथा सर्दियों में काली मिर्च की खपत भी बढ़ जाती है। इसलिए आगामी दिनों में घरेलू और निर्यात मांग बढ़ने से काली मिर्च की मौजूदा कीमतों में करीब दस फीसदी की तेजी आने की संभावना है।कोच्चि मंडी स्थित मैसर्स केदारनाथ संस के डायरेक्टर अजय अग्रवाल ने बताया कि घरेलू मंडियों में कालीमिर्च का 10-12 हजार टन का ही स्टॉक बचा हुआ है जबकि नई फसल आने में करीब तीन महीने का समय शेष है। भारत में काली मिर्च की नई फसल की आवक जनवरी-फरवरी महीने में होती है। कोच्चि मंडी में एमजी वन क्वालिटी की काली मिर्च के भाव सुधरकर 14,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गये। वर्ष 2008 की समान अवधि में कोच्चि मंडी में इसके भाव 13,700 रुपये और वर्ष 2007 में एक अक्टूबर को काली मिर्च के भाव 12,400 रुपये प्रति क्विंटल थे। प्रतिकूल मौसम से चालू सीजन में काली मिर्च की पैदावार पिछले साल के 50,000 टन के मुकाबले घटकर 45,000 टन ही होने की संभावना है।बंगलुरू के काली मिर्च निर्यातक अनीश रावथर ने बताया कि इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में काली मिर्च के भाव 2,950-3,050 डॉलर प्रति टन चल रहे हैं। वियतनाम में काली मिर्च का स्टॉक घटकर करीब दस हजार टन और इंडोनेशिया में 12 हजार टन का ही बचा हुआ है। स्टॉक कम होने से इन देशों की बिकवाली पहले की तुलना में घट गई है। वैसे भी इन देशों में नई फसल की आवक भारत के बाद बनेगी। ब्राजील में चालू सीजन में काली मिर्च की पैदावार 15 हजार टन ही होने की संभावना है तथा इसमें से करीब 25 फीसदी की बिक्री हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव तेज होने के कारण भारत में आयात भी बेपड़ता हो गया है। इसलिए आगामी दिनों में अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देशों की भारत से मांग बढ़ने की संभावना है। सर्दियों का मौसम शुरू हो रहा है तथा सर्दियों में काली मिर्च की खपत भी ज्यादा होती है। इसलिए घरेलू मांग में भी इजाफा होने से इसकी मौजूदा कीमतों में करीब दस फीसदी तक की तेजी आने की उम्मीद है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान भारत से काली मिर्च के निर्यात में 25 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 8,250 टन का ही हुआ है। पिछले साल की समान अवधि में 11,000 टन का निर्यात हो चुका था। वियतनाम तथा इंडोनेशिया की बिकवाली से इस दौरान भारत से निर्यात कम रहा।rana@businessbhaskar.नेट आर अस Raana
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें