नई दिल्ली October 07, 2009
मौका दीवाली का है, लेकिन चीनी बाजार लगातार ठंडा होता जा रहा है।
एक माह के भीतर थोक कीमत में 4 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। और बाजार की चाल फिलहाल बिल्कुल सुस्त है। इस माह के आखिर तक चीनी मिलों में पेराई का काम शुरू हो जाएगा।
दूसरी तरफ आयातित कच्ची चीनी के कुछ हिस्सों को इसी माह रिफाइन करके बाजार में लाने का सरकारी आदेश है। लिहाजा दिसंबर तक चीनी की कीमत 25 रुपये प्रति किलोग्राम तक होने की उम्मीद है। लगातार गिरते दाम से थोक व्यापारी अपने नुकसान का रोना रो रहे हैं।
चीनी के थोक व्यापारियों के मुताबिक उन्होंने अगस्त व सितंबर शुरू में चीनी मिलों से 30-31 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चीनी की फारवर्ड खरीदारी की थी। लेकिन चीनी की कीमत अब 28-28.50 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गयी है।
लारेंस रोड स्थित चीनी के थोक कारोबारी सुरेश कुमार कहते हैं, 'अगस्त के दौरान चीनी की कीमत में लगातार तेजी का रुख था और हर रोज कमोबेश कीमत बढ़ रही थी। इसलिए थोक व्यापारियों ने पूरी मात्रा में खरीदारी की। अब उन्हें इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है।'
सरकार ने अक्टूबर माह के लिए 20 लाख टन चीनी रिलीज करने का आदेश दिया है। इसके अलावा इसी माह 2-4 लाख टन कच्ची चीनी को रिफाइन करके बाजार में लाना है। 20-30 अक्टूबर के बीच उत्तर प्रदेश की लगभग 50 फीसदी मिलें चलने लगेंगी। ऐसे में अब चीनी के भाव में नरमी की पूरी उम्मीद है।
थोक कारोबारी विक्की गुप्ता कहते हैं, 'चीनी की कीमत दिसंबर तक 25 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाएगी। बाजार में चीनी की पर्याप्त उपलब्धता है और अब मांग के मुकाबले हमेशा चीनी अधिक रहेगी।' कारोबारी कहते हैं कि दीपावली के दौरान चीनी की मांग बढ़ जाती है पर बाजार में तेजी की कोई सुगबुगाहट नहीं है। सबसे बड़ी बात है कि दाम में तेजी की कोई आशंका नहीं होने से उठाव की गति बिल्कुल सामान्य ढ़ंग से चल रही है। (बीएस हिन्दी)
08 अक्तूबर 2009
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