नई दिल्ली October 07, 2009
अगर आप बैंक से दीवाली के मौके पर सोने के सिक्के खरीदना चाह रहे हैं तो पहले सिक्के बेचने वाले सभी बैंकों में जाकर कीमतों की पड़ताल कर लें।
अन्यथा आपको इस बात का अफसोस लगा रह सकता है कि आपने अधिक दाम देकर सिक्के की खरीदारी की। निजी बैंक तो थोड़ा-बहुत मोलभाव भी कर रहे हैं। इसलिए किसी भी निजी बैंक से खरीदारी करते समय मोलभाव करना नहीं भूलें।
हां, एक बात और, सोने के सिक्के की खरीदारी के लिए धनतेरस का इंतजार भी नहीं करें। आपको 10 ग्राम के सिक्के के लिए आज-कल के मुकाबले 300-400 रुपये अधिक चुकाने पड़ सकते हैं। भारतीय स्टेट बैंक में पिछले तीन दिनों से 2 ग्राम से लेकर 10 ग्राम तक के सिक्कों की कीमत रोजाना बढ़ रही है। बुधवार को सोने की कीमत दिल्ली सर्राफा बाजार में 16,100 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गई।
चांदनी चौक स्थित दिल्ली के कूंचा महाजनी (सर्राफा कारोबारियों का बाजार) में बैंकों के मुकाबले सोने के सिक्कों की कीमत कम बतायी जा रही है। यहां 10 ग्राम के सिक्के के भाव 16,400 रुपये चल रहे हैं। सर्राफा कारोबारी कहते हैं कि इस मूल्य पर अलग से और कोई चार्ज नहीं है। अगर कोई ग्राहक उनसे हॉलमार्क सिक्के की मांग करता है तो वे उससे मात्र 20 रुपये प्रति 10 ग्राम अतिरिक्त चार्ज कर रहे हैं।
सर्राफा कारोबारियों के मुताबिक बैंकों के नाम बड़े हैं और उनकी पैकिंग वैगरह अलग तरीके की होती है। लिहाजा वहां सर्राफा बाजार से कीमत अधिक होती है। लेकिन सोनारों से खरीदे गए सिक्के एवं बैंकों से खरीदे गए सिक्कों में एक बात समान जरूर है। दोनों ही सिक्कों को बेचने जाने पर बाजार भाव के मुताबिक एक कीमत मिलेगी।
ग्राहकों को लुभाने के लिए अब सर्राफा कारोबारी भी पैकेजिंग पर ध्यान दे रहे हैं। सर्राफा कारोबारी विमल गोयल कहते हैं, 'अब एक पैकिंग पर 20-30 रुपये की लागत आ जा रही है, जबकि दो साल पहले तक तो सिक्के वैगरह की कोई पैकिंग नहीं होती थी।'
इधर निजी बैंक सिक्के बेचने के लिए पूरी जो लगा रहे हैं। निजी बैंक के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि धनतेरस वाले दिन उन्हें काम के तय घंटों के अलावा भी सिक्के बेचने का काम करना है। पिछले साल धनतेरस वाले दिन रविवार होने के बावजूद उन्हें सिक्कों की बिक्री करनी पड़ी थी। बीएस हिन्दी)
08 अक्तूबर 2009
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