चंडीगढ़ October 02, 2009
निर्यातक मौजूदा वित्त वर्ष में बासमती चावल खासकर पूसा-1121 के निर्यात को लेकर काफी उत्साहित दिखाई दे रहे हैं।
उनका अनुमान है कि इस वित्त वर्ष में पूसा-1121 का कुल निर्यात पिछले साल के 9 लाख टन के मुकाबले बढ़कर 13 लाख टन के स्तर पर पहुंच जाएगा।
इधर कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने पूसा 1121 में किसी भी तरह के भारी और हानिकारक तत्वों की मौजूदगी नहीं होने की पुष्टि कर दी है। लिहाजा, निर्यातकों का मानना है कि इसके बाद निर्यात में और ज्यादा तेजी आने की संभावना है।
कोहिनूर फूड्स लिमिटेड के संयुक्त प्रबंध निदेशक गुरनाम अरोडा कहते हैं 'न्यूनतम निर्यात मूल्य में कमी और एपीईडीए की रिपोर्ट के पूसा 1121 में हानिकारक तत्वों की मौजूदगी की बात खारिज करने से बासमती चावल के निर्यात में और बढ़ोतरी होगी और हमें पूरी उम्मीद है कि इस साल पूसा-1121 का निर्यात पिछले साल के 9 लाख टन के स्तर को पार करते हुए 13 लाख टन पहुंच जाएगा।'
एपीडा ने ईरान के अधिकारियों को भरोसा दिलाया है कि भारतीय बासमती चावल अंतरराष्ट्रीय मानदंडों पर खरा उतरता है और इसे लेकर अनावश्यक चिंता करने की जरूरत नहीं है। उल्लेखनीय है कि इस साल पंजाब और हरियाणा में बासमती चावल के रकबे में खासी बढ़ोतरी हुई है। पंजाब में बासमती चावल का रकबा पिछले साल के 3.5 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 5.5 लाख हेक्टेयर हो गया है।
जहां तक हरियाणा की बात है तो यह पिछले साल के 5 लाख हेक्टेयर के मुकाबले बढ़कर 6 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। कृषि विश्लेषकों के अनुसार इन दो राज्यों के ज्यादातर किसान उच्च उत्पादकता वाली पूसा 1121 की खेती की ओर आकर्षित हुए हैं, जिसे केंद्र सरकार पिछले साल बासमती का दर्जा दे चुकी है।
राज्य के अधिकारियों के अनुसार इस साल के खरीफ सत्र में पूसा-1121 की खेती में काफी बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि दोनो राज्यों में पिछले साल के मुकाबले इसका रकबा बढा है। अमृतसर के एक निर्यातक ने कहा, 'हमे पूरी उम्मीद है कि केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से सकारात्मक कदम उठाए जाने के बाद पूसा-1121 के निर्यात में काफी बढ़ोतरी होगी।'
वैश्विक बाजार में बासमती चावल को और ज्यादा सशक्त करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले महीने इसके न्यूनतम निर्यात मूल्य में कमी कर चुकी है। निर्यातक अब बासमती चावल की बिक्री 900 डॉलर प्रति टन के मूल्य पर कर सकते हैं जबकि इससे पहले आधार कीमत 1,100 डॉलर प्रति टन थी।
इसके अलावा पंजाब सरकार ने बासमती की खेती करने वाले किसानों और इसके निर्यातकों को सुविधा मुहैया कराने के तहत बासमती विकास बोर्ड की स्थापना की है। बोर्ड बासमती के निर्यात के लिए एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण करेगा। (बीएस हिन्दी)
03 अक्तूबर 2009
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