लंदन- कच्चा तेल एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद थोड़ा गिरा, लेकिन वह गुरुवार को 75 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर बना रहा। ट्रेडरों का कहना है कि यूरोपीय शेयरों में तेजी आने और तीसरी तिमाही में खराब कमाई के आंकड़ों के बाद यूरो में गिरावट आई, जिसका फायदा क्रूड ऑयल को मिला। नवंबर डिलीवरी का क्रूड ऑयल 19 सेंट ऊपर 75।37 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। कारोबार की शुरुआत में कच्चा तेल एक बार 75.96 डॉलर प्रति बैरल का स्तर पार कर गया था। यह अक्टूबर 2008 के बाद कच्चे तेल का उच्चतम स्तर है। लंदन ब्रेंट भी 32 सेंट ऊपर 73.42 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। सीएमसी के मार्केट एनालिस्ट जेम्स ह्यूग का कहना है, 'इस स्थिति में बाजार पर कमोडिटी का दबदबा है। कमजोर डॉलर और कमाई के खराब आंकड़ों का प्रभाव पड़ा है।' गोल्डमैन के तिमाही नतीजों में अनुमान से अधिक चार गुना की बढ़ोतरी देखने को मिली, लेकिन इसके बावजूद गोल्डमैन के शेयरों में गिरावट आई क्योंकि निवेशकों का मानना है कि लाभ का अधिकतर हिस्सा ट्रेडिंग में मिलने वाले लाभ से आया है और यह लंबे समय तक कायम नहीं रह सकता है।
बुधवार को जारी अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट के आंकड़ों के अनुसार पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह अमेरिकी क्रूड में 1,75,000 बैरल की गिरावट आई। बेक कमोडिटी के ब्रोकर टोनी मैकसेक का कहना है, 'एपीआई के आंकड़ों से भी क्रूड को समर्थन मिला, लेकिन बाजार को अभी दूसरी फंडामेंटल बातों का इंतजार है।' ट्रेडरों को अभी अमेरिकी ऊर्जा विभाग के भी आंकड़ों का इंतजार है।
(ई टी हिन्दी)
16 अक्तूबर 2009
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