14 अक्तूबर 2009
सोने से ज्यादा है चांदी में रिटर्न की संभावना
भले ही सोने और चांदी के दाम नई ऊंचाइयां छू रहे हैं लेकिन अभी भी इनमें अच्छे रिटर्न की की संभावना कम नहीं हुई है। महंगे दाम होने के बावजूद इस बार धनतेरस पर सोने और चांदी के सिक्कों में निवेश एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। जानकारों के अनुसार आगामी एक साल में सोने में निवेश करने पर 15-20 फीसदी और चांदी में 20-25 फीसदी का रिटर्न मिलने की संभावना है। लेकिन ग्राहक बेहतर रिटर्न तभी पा सकते हैं, अगर वे ज्वैलरी के बजाय ठोस सोने व चांदी की खरीद करें। ठोस कीमती धातु की बिक्री के समय कोई कटौती नहीं होती है।आरआर इन्फॉर्मेशन एंड इन्वेस्टमेंट रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के बुलियन विशेषज्ञ घनश्याम सुतार ने बिजनेस भास्कर को बताया कि डॉलर की कमजोरी और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की मौजूदा कीमतों में और भी तेजी की संभावना है। घरेलू बाजार में सोने और चांदी के भाव विदेशी बाजार से तय होते हैं इसीलिए घरेलू बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी की ही संभावना है। उन्होंने बताया कि सोने की मुख्य रूप से मांग गहनों के लिए होती है जबकि चांदी की मांग गहनों के अलावा औद्योगिक उत्पादन के लिए भी होती है। इसलिए सोने के मुकाबले चांदी निवेशकों को बेहतर रिटर्न प्रदान करेगी।पिछले एक साल में सोने ने उपभोक्ताओं को 36 फीसदी का रिटर्न दिया है वहीं चांदी के मूल्य में इस दौरान 72 फीसदी का भारी इजाफा हुआ है। पिछले साल दीपावली पर सोने के भाव 11,800 रुपये प्रति दस ग्राम थे जबकि इस समय सोने के भाव 16,200 रुपये प्रति दस ग्राम हैं। इसी तरह से चांदी के दाम पिछले साल दीपावली पर 16,000 रुपये प्रति किलो थे जबकि इस समय भाव 27,600 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं।गीतांजलि ग्रुप के चेयरमैन मेहुल चोकसी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि त्योहारी सीजन में सोने और चांदी की मांग बढ़ी है। धनतेरस और दीपावली पर सोने में वैल्यू के हिसाब से बिक्री में 15-20 फीसदी का इजाफा होने की संभावना है लेकिन वॉल्यूम पिछले साल के बराबर ही रह सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम 1,065 डॉलर प्रति औंस पर चल रहे हैं लेकिन त्योहार और ब्याह-शादियों का सीजन होने के कारण आगामी दिनों में इसकी कीमतें बढ़कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1200 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच सकती है। घरेलू बाजार में भी आगामी दिनों में सोने की कीमतें बढ़कर 18,000-19,000 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच सकती हैं। हालांकि उन्होंने माना की सोने की कीमत ऊंची होने के कारण उपभोक्ताओं का रुझान हीरे के गहनों की तरफ बढ़ा है।एमएमटीसी लिमिटेड के डायरेक्टर मार्किटिंग (गोल्स) ए। आर. गोयल ने बताया कि उपभोक्ताओं को हॉलमार्क गहनों की खरीद करनी चाहिए। हालांकि हॉलमार्क गहनों की खरीद पर उपभोक्ताओं को सामान्य गहनों के मुकाबले कीमत थोड़ी ज्यादा चुकानी पड़ती है लेकिन हॉलमार्क में शुद्धता की गांरटी तो है ही, साथ ही बिक्री के समय पूरी कीमत मिलती है। पी. पी. ज्वैलर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन गुप्ता का कहना है कि हॉलमार्क का मकसद ज्वैलरी की क्वालिटी में होने वाली धांधली से उपभोक्ताओं को बचाना है। उनका मानना है कि मौजूदा भाव में सोने में निवेश करने वाले उपभोक्ताओं को अगली दीपावली तक अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना है।गोयल ज्वैलर्स के डायरेक्टर वी. के. गोयल ने बताया कि धनतेरस पर ग्राहकों को लुभाने के लिए ज्वैलर्स कई तरह के ऑफर दे रहे हैं। इसमें 50 ग्राम सोने के गहनों की खरीद पर 50 ग्राम चांदी के गहने फ्री देने के अलावा कई ज्वैलर्स मेकिंग चार्ज में 25 से 40 फीसदी तक की छूट दे रहे हैं। भारत दुनिया भर में सोने की सबसे ज्यादा खपत करता है। बिज़नस भास्कर आर अस Rana
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें