05 अक्तूबर 2009
निवेश का आकर्षण बने गोल्ड ईटीएफ
सदियों से सोना दीर्घकालिक निवेश का बेहतरीन साधन रहा है। लेकिन सोने के लगातार चढ़ते भाव, खरीदते समय उसकी बनवाई देना और बेचते समय बनवाई कट जाने के कारण सोने में निवेश करने वालों का रुझान अब बदल रहा है। वैसे भी गहनों के वजन में साल-दो साल में कमी आ जाती है। इसलिए ग्राहक को पूरी कीमत का मात्र 60-70 फीसदी ही दाम मिल पाता है। सोने के चढ़ते भाव से आकर्षित होकर निवेशकों ने अब गोल्ड ईटीएफ की ओर रुख कर लिया है। धनतेरस पर सोने की खरीद को शुभ माना जाता है, इसलिए दीपावली पर सोने के गहनों की मांग बढ़ने की संभावना है। इस दौरान सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी की उम्मीद है। ऐसे में सोना आपके लिए भी निवेश का एक अच्छा माध्यम साबित हो सकता है। गोल्ड ईटीएफ निवेशकों के लिए कई तरह से फायदेमंद है। एक तो इस पर रिटेल का टैक्स नहीं देना पड़ता। इसके अलावा इसे आसानी से खरीदा-बेचा जा सकता है।कोटक म्यूचुअल फंड के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षित निवेश की चाह में निवेशक सोने की खरीद तो कर रहे हैं, लेकिन तरीका बदल रहा है। सोने की खरीद करके घर में रखने पर जोखिम ज्यादा है। इसीलिए निवेशकों का रुझान धीरे-धीरे आभूषण और सिक्कों के बजाय गोल्ड ईटीएफ की तरफ बढ़ रहा है। इस पर उन्हें रिटर्न भी अच्छा मिल रहा है। रिलायंस गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेशकों को पिछले एक साल में 24।39 फीसदी का मुनाफा हुआ है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के मुताबिक पिछले करीब एक साल में म्यूचुअल फंडों की पांच गोल्ड ईटीएफ स्कीमों के शुद्ध आस्ति मू्ल्य (एनएवी) में 33 फीसदी से ज्यादा वृद्धि हुई है। मई 2009 में लांच की गई एसबीआई गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड स्कीम का एनएवी पांच महीने में 6.25 फीसदी बढ़ गया है।बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरश हुंडिया ने बताया कि पहले सोने के 15,000 रुपये का स्तर छूते ही बेचने वालों की कतार लग जाती थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। सोने का भाव जब से 15,000 से 16,000 प्रति दस ग्राम तक पहुंचा है, लोगों ने सिक्कों और ईटीएफ की ख्ररीदारी शुरू कर दी है। बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष प्रकाश जैन भी बताते हैं कि सोने के सिक्के और गोल्ड ईटीएफ निवेशकों की पहली पंसद बन गए हैं। गोल्ड ईटीएफ में निवेश के बढ़ते रुझान को देखते हुए वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के निदेशक धर्मेश सोडा भी मानते हैं कि आनेवाले दिनों में सोने के गहनों के बजाय सिक्कों और गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ेगा। आंकड़ों के लिहाज से भोपाल में सर्वाधिक कारोबार यूटीआई गोल्ड में हो रहा है। इसके अलावा रिलायंस और एसबीआई के ईटीएफ में भी लोग काफी रुचि ले रहे हैं। शहर में औसतन एक से डेढ़ हजार यूनिट (प्रति ग्राम) रोजाना का कारोबार होता है। पूरे मध्य प्रदेश में वर्तमान में 8500 से 9300 यूनिट का कारोबार होता है। कल्पतरु शेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष आदित्य मनिया ने बताया कि बीते दो महीनों में ईटीएफ निवेशकों की संख्या में 65 से 80 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सिर्फ उनके यहां रोजाना करीब 500 यूनिट का कारोबार हो रहा है। भोपाल के किरन गुप्ता ने हाल ही में गोल्ड ईटीएफ की 20 यूनिट खरीदी हैं। उन्होंने कहा कि सोने के भाव में तेजी को देखते हुए उन्होंने ईटीएफ को चुना है। इसके अलावा इसे जब चाहे बिना किसी परशानी के बेच सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ की 10 यूनिट खरीदने वाले भूपेंद्र चंद्र सूद ने इसे इसलिए चुना क्योंकि सोना खरीदते समय तो पूरा भाव देना पड़ता है लेकिन बेचते समय घाटा होता है। एक अन्य निवेशक निधि सक्सेना का मानना है कि घर में सोना रखने पर उसकी सुरक्षा करना मुश्किल होता है। लॉकर में रखना काफी महंगा पड़ता है। इसलिए हमने ईटीएफ में निवेश पसंद किया। इंदौर के डॉ. प्रशांत कुमार जैन ने कहा कि सोने के दाम शेयर बाजार की तरह एकदम बढ़कर धड़ाम से नहीं गिरते, इसलिए नुकसान की आशंका कम है। ग्वािलयर के भानु प्रताप ने 1,480 रुपये यूनिट की दर पर सौदे किए हैं। भाव 1800 पर जाते ही वह सौदा काटने की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा कि बैंक या डाक खाने से सिक्के लेने के बाद उन्हें बेचते समय दुकानदार बनवाई काट लेता है, इसलिए मैंने ईटीएफ को बेहतर समझा। लेकिन ऐसा नहीं कि हर जगह गोल्ड ईटीएफ की मांग में तेजी हो। चंडीगढ़, लुधियाना और जालंधर जैसे शहरांे के निवेशक जागरूकता के अभाव मंे इससे दूर हैं। चंडीगढ़ की स्टॉक ब्रोकर कंपनी विक्सन फाइनेंस के निदेशक वी कुमार का कहना है कि अगर फंड हाउस पूंजी बाजार के निवेशकों के बीच जागरूकता बढ़ाते हैं तो गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ सकता है। चंडीगढ़ के एक अन्य ब्रोकर आर थिरूमल का मानना है कि फिलहाल निवेशक इ`िटी मार्केट मंे ही पैसा लगाने के इच्छुक हैं। सोने में निवेश करने वालांे में अधिकतर नंबर दो का पैसा निवेश करने वाले होते हैं पर गोल्ड ईटीएफ मंे डीमैट जैसी औपचारिकता के चलते वे निवेश से बचते हैं। उनकी फर्म के तकरीबन 600 ग्राहकों में से एक-दो निवेशक ही ऐसे हैं जो गोल्ड ईटीएफ मंे पैसा लगा रहे हैं। इनका मानना है कि गोल्ड ईटीएफ मंे पिछले एक साल मंे भले ही निवेशकों को 20 फीसदी से अधिक र्टिन मिला है पर छोटे शहरांे के निवेशकों का इसमें विव्श्रास जमने में समय लगेगा।पारंपरिक शहर जयपुर के निवेशकों की रुचि भी पारंपरिक निवेश में ही है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के वाइस चैयरमेन राजीव जैन के मुताबिक ईटीएफ में निवेश बढ़ा है, पर लोगों की मानसिकता में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। ज्यादातर निवेशक आज भी वास्तव में सोना खरीदना पसंद करते हैं। उन्होंने बताया कि जिनके के पास खुद का पैसा है वो सोना खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं, जबकि मार्जिन पर काम करने वाले निवेशक ईटीएफ का विकल्प चुन रहे हैं। निवेशक तथा आभूषण विक्रेता आशीष मेघराज ने भी बताया कि भारत में ईटीएफ में पैसा लगाने वाले निवेशक आज भी कम है। ज्वैलर्स एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष विवेक काला का कहना है कि सोना खरीदने वालों की तादाद ज्यादा होने का एक कारण यह भी है कि दो नंबर का पैसा रखने वाले निवेशकों की संख्या ज्यादा है। इनके लिए सोना खरीदना मजबूरी है, क्योंकि ये अपना निवेश जाहिर करना नहीं चाहते। आभूषण विक्रेता मोनिका अग्रवाल का कहना है कि दीर्घावधि निवेश के लिए निवेशक ईटीएफ के बजाय सोने को तरजीह दे रहे हैं, लेकिन थोड़े समय के लिए निवेश करने वालों का रुझान ईटीएफ में बढ़ा है।जहां तक सोने के भाव और इसकी डिमांड का सवाल है, मुंबई बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश हुंडिया ने बताया कि भाव तेज होने के कारण गहनों की मांग सामान्य से 50 फीसदी कम है। धनतेरस पर सोने की खरीद को शुभ माना जाता है इसलिए दीपावली पर गहनों की मांग में इजाफा होने की संभावना है। भाव ऊंचे होने का असर सोने के आयात पर भी पड़ रहा है। आर आर इन्फॉरमेशन एंड इन्वेस्टमेंट रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के बुलियन विशेषज्ञ घनश्याम सुतार ने बताया कि डॉलर कमजोर होने से सोने के भाव तेज बने हुए हैं लेकिन हाजिर में ग्राहकी कमजोर है। इसलिए दीपावली के बाद सोने की कीमतें घटकर 15,000 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ सकती है। ऊंचे भाव पर मांग कम रहने से अप्रैल से अगस्त तक मात्र 102.6 टन सोने का आयात हुआ है। पिछले साल की समान अवधि में 140 टन सोने का आयात हुआ था। अगस्त में निर्यात पर गौर करें तो पिछले साल के 98 टन की तुलना में इस बार सिर्फ 21.8 टन सोने का आयात हुआ है। मुंबई बाजार में शनिवार को सोने के भाव 15,715 रुपये और दिल्ली सराफा बाजार में 15,850 रुपये प्रति दस ग्राम थे। अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2 अक्टूबर को सोने के भाव 1002 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुए थे।नवरात्र में 30 फीसदी तक बढ़ी मांगमुंबई। नवरात्र की शुरुआत से दशहरा तक के दस दिनों में सोने की मांग में 30 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। यह दावा है वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के निदेशक दिनेश सोडा का। उन्होंने बताया कि पिछले साल भाव कम होने के बावजूद दशहरा पर मांग कम रही थी, लेकिन इस बार भाव ज्यादा होने पर भी सोने की मांग बढ़ गई है। सोडा ने बताया कि वल्र्ड गोल्ड काउंसिल ने ज्वैलर्स के साथ मिलकर शॉपिंग अभियान चला रखा है जिसमें उत्तर भारत में दिल्ली व उत्तर प्रदेश मंे सबसे अच्छी मांग देखी गई है। महाराष्ट्र और गुजरात में दिवाली तक मांग बढ़ने क ी पूरी उम्मीद है। त्रिभुवनदास भीमजी जावेरी के प्रवक्ता का भी कहना है कि शादी ब्याह का सीजन होने के कारण सोने की मांग बनी हुई है। ग्राहक ज्यादातर कस्टमाइज च्वैलरी को प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि इसमें वे अपने बजट के अनुसार गहनों को आर्डर देकर बनवा लेते हैं। मुंबई के झावेरी बाजार की फर्म मोतीलाल ज्वैलर्स के मालिक जनक भाई का कहना है कि सोने की मांग बाजार में बनी हुई है लेकिन ज्यादा नहीं। ग्राहक सोच-समझकर खरीदारी कर रहा है। धनतेरस और दिवाली तक मांग में 15 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है। (ब्यूरो)क्या है गोल्ड ईटीएफगोल्ड ईटीएफ एक तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम है। इसके जरिए आप सोने में निवेश कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ 99.5 फीसदी शुद्धता वाला स्टैंडर्ड सोना खरीदता है। फिर इसे कस्टोडियन बैंक के पास सुरक्षित रखा जाता है। बाद में सोने के बदले गोल्ड ईटीएफ के निवेशक को यूनिटें जारी कर दी जाती हैं। एक यूनिट की वैल्यू सोने के एक ग्राम के बराबर होती है। यूनिटों का कारोबार बाकी शेयरों की तरह ही स्टॉक एक्सचेंज में किया जाता है। (बिज़नस भास्कर....आर अस रना)
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